जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने कनाडा पहुंचे पीएम मोदी

कनानास्किस (कनाडा), 17 जून (आईएएनएस)। पीएम नरेंद्र मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को कनाडा के कैलगरी पहुंचे।

पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन पर कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त चिन्मय नाइक, कनाडाई अधिकारी समेत स्वदेशी लोगों के समूह 'फर्स्ट नेशन्स' के नेताओं ने उनका स्वागत किया।

पीएम मोदी कनानास्किस जाएंगे, जहां सोमवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। मंगलवार के सत्र में पीएम मोदी समेत अन्य आमंत्रित लोग शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस में रुकने के बाद यहां पहुंचे हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ 'भारत-साइप्रस संबंधों को लेकर व्यापक बातचीत'की।

साइप्रस रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने 'एक्स' पोस्ट पर बताया था कि जी7 शिखर सम्मेलन विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान करने और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करेगा।

पीएम मोदी जी7 नेताओं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की जियोर्जिया मेलोनी, जापान के शिगेरू इशिबा, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा के साथ मेजबान मार्क कार्नी के साथ बातचीत करेंगे।

इस जी7 सम्मेलन में आमंत्रित अन्य लोगों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, मेक्सिको की क्लाउडिया शिनबाम, ब्राजील के लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा और दक्षिण कोरिया के ली जे-म्यांग, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और दक्षिण अफ्रीका के प्रधानमंत्री सिरिल रामफोसा शामिल हैं।

पहलगाम आतंकवादी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद प्रधानमंत्री मोदी के लिए इन शक्तिशाली नेताओं के साथ आमने-सामने की बैठक करने का यह एक शानदार मौका होगा।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-कनाडा संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मौके पर आई है। मार्क कार्नी दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय प्रवासी मान पारेख ने 'आईएएनएस' से कहा, "यह कोई रहस्य नहीं है कि पिछले कुछ सालों में भारत-कनाडा के संबंध सबसे अच्छे स्तर पर नहीं रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का निमंत्रण नई उम्मीद की किरण है। यह दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से सुधारने का एक मौका है।"

कनाडाई हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कुशाग्र शर्मा ने 'आईएएनएस' से कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का यहां आना दर्शाता है कि दोनों देश साथ काम करना चाहते हैं। इससे दोनों देशों की आर्थिक स्थिति को फायदा पहुंचेगा। व्यापार पहले से ही हो रहा है और यह आगे भी बढ़ेगा।"

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने भारतीय-कनाडाई लोगों में उत्साह पैदा कर दिया है। कनाडा में 1.8 मिलियन भारतीय-कनाडाई और दस लाख भारतीय नागरिकों के साथ सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।

--आईएएनएस

आरएसजी/केआर

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