इजराइल ने सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास किया हमला, पहले दी थी चेतावनी

इजराइल ने सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास हमला किया, अल्पसंख्यक संघर्षों पर दी थी चेतावनी
Israel Syria conflict

दमिश्क: इजराइल की वायु सेना ने शुक्रवार को सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास मिसाइल दागे। इससे कुछ घंटे पहले सीरियाई अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी कि वे दक्षिणी सीरिया में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के गांवों की ओर न जाएं। यह हमला दमिश्क के पास सीरियाई सरकार समर्थक बंदूकधारियों और ड्रूज अल्पसंख्यक समुदाय के लड़ाकों के बीच कई दिनों तक चली झड़पों के बाद हुआ। इन झड़पों में दर्जनों लोग मारे गए जा चुके हैं और कई घायल हुए हैं।

शुक्रवार सुबह किया गया हमला इस सप्ताह इजराइल द्वारा सीरिया पर किया गया दूसरा हमला है। गुरुवार को सीरिया के ड्रूज़ आध्यात्मिक नेता शेख हिकमत अल-हिजरी ने अल्पसंख्यक समुदाय पर अनुचित नरसंहारक हमला कहकर सीरिया सरकार की कड़ी आलोचना की थी। इजराइली सेना ने कहा है कि लड़ाकू विमानों ने दमिश्क में राष्ट्रपति हुसैन अल-शरा के महल के क्षेत्र के पास यह हमला किया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हमला शहर के ऊपर एक पहाड़ी पर पीपुल्स पैलेस के करीब हुआ। सोमवार आधी रात के आसपास झड़पें तब शुरू हुईं जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप प्रसारित हुआ जिसमें एक व्यक्ति पैगंबर मुहम्मद साहब की आलोचना कर रहा था। ऑडियो को ड्रूज़ मौलवी का बताया गया, लेकिन मौलवी मारवान कीवान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए एक वीडियो में कहा कि वह ऑडियो के लिए वह ज़िम्मेदार नहीं है, जिससे कई सुन्नी मुसलमान नाराज हो गए। सीरिया के सूचना मंत्रालय ने कहा कि दो अलग-अलग हमलों में देश के सुरक्षा बलों के 11 सदस्य मारे गए, जबकि एक अन्य रिपोर्ट ने कहा गया कि साहनाया और द्रुज बहुल दमिश्क उपनगर जरामाना में झड़पों में 56 लोग मारे गए, जिनमें स्थानीय बंदूकधारी और सुरक्षा बल के लोग शामिल हैं।

बता दें, ड्रूज़ धार्मिक संप्रदाय एक अल्पसंख्यक समूह है जो 10वीं शताब्दी में शिया इस्लाम की एक शाखा है। इस्माइलिज़्म की शाखा के रूप में शुरू हुआ था। दुनिया भर में करीब 1 मिलियन ड्रूज़ में से आधे से ज़्यादा सीरिया में रहते हैं, ज़्यादातर दक्षिणी स्वेदा प्रांत और दमिश्क के कुछ उपनगरों में रहते हैं। अधिकांश ड्रूज़ लेबनान और इज़राइल में रहते हैं, जिनमें गोलान हाइट्स भी शामिल है, जिसे इज़राइल ने 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में सीरिया से छीन लिया था और 1981 में अपने में मिला लिया था।

 

 

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