India Response Australia Protests : ऑस्ट्रेलिया में एंटी-इमिग्रेशन विरोध, भारत सरकार ने जताई चिंता

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी-विरोधी प्रदर्शनों पर जताई चिंता
ऑस्ट्रेलिया में एंटी-इमिग्रेशन विरोध, भारत सरकार ने जताई चिंता

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया में हाल ही में हुए एंटी-इमिग्रेशन (प्रवासी-विरोधी) प्रदर्शनों को लेकर भारत लगातार ऑस्ट्रेलियाई सरकार और प्रवासी संगठनों से संपर्क बनाए हुए है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारतीय उच्चायोग ने प्रदर्शन से पहले ही भारतीय समुदाय की चिंताओं को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ साझा किया था। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई, जिसमें माना गया कि ये प्रदर्शन वहां की विविधता-भरी समुदायों के लिए चिंता का विषय हैं।

जायसवाल ने कहा, “हम सब जानते हैं कि 31 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में एंटी-इमिग्रेशन प्रदर्शन हुए। हमारे उच्चायुक्त और वाणिज्य दूतावास लगातार ऑस्ट्रेलियाई सरकार और प्रवासी समुदाय से संपर्क में रहे। जैसा कि आप जानते हैं, ऑस्ट्रेलिया में लगभग दस लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ऑस्ट्रेलियाई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से बहुसांस्कृतिक पहचान का समर्थन किया है और भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की है। भारत सरकार भी मानती है कि विविधता ही हमारी ताकत है और हम ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने व्यापक रणनीतिक साझेदारी संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

31 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों में हजारों लोग ‘मार्च फॉर ऑस्ट्रेलिया’ नाम से सड़कों पर उतरे और बड़े पैमाने पर आव्रजन (इमिग्रेशन) रोकने की मांग की। इन प्रदर्शनों में कई जगह झड़पें भी हुईं। मेलबर्न में प्रदर्शनकारियों, विरोध-प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ।

ऑस्ट्रेलियाई संघीय और राज्य सरकारों ने इन प्रदर्शनों की निंदा की। संचार मंत्री अनीका वेल्स ने इन्हें “भयानक दृश्य” बताते हुए कहा कि इनमें “ज्ञात नस्लवादी तत्व” शामिल थे।

सिडनी में करीब 8,000 लोग ऑस्ट्रेलियाई झंडे लेकर मार्च में शामिल हुए। वहीं, ब्रिस्बेन में भी हजारों लोगों ने आव्रजन कम करने की मांग उठाई और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से असंतोष जताया।

 

 

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