इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में हूती ने यमन के नागरिकों को बंदी बनाया

सना, 9 नवंबर (आईएएनएस)। यमन के हूती समूह ने राजधानी सना में कुछ यमनी नागरिकों को पकड़ने की घोषणा की है। उन पर आरोप है कि वे इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे।

हूती पक्ष का कहना है कि बंदी बनाए गए लोग इजरायल की विदेशी खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े थे। दावा किया गया है कि यह काम सऊदी अरब में बने एक संयुक्त संचालन केंद्र के जरिये हो रहा था, जिसमें इजरायल, अमेरिका और सऊदी अरब की खुफिया एजेंसियां शामिल थीं।

हूती समूह का आरोप है कि इन लोगों को सिखाया गया था कि कैसे खुफिया रिपोर्ट लिखनी है, सैन्य और नागरिक स्थानों की जानकारी जुटानी है, और हूतियों की गतिविधियों पर नजर रखनी है।

हूती पक्ष ने यह नहीं बताया कि कुल कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और न ही कोई सबूत जारी किया है। हूती समूह ने कहा है कि गिरफ्तार लोगों के स्वीकारोक्ति बयान उनके टीवी चैनल अल-मसीरा पर बाद में दिखाए जाएंगे।

एक सूत्र के मुताबिक, जिन लोगों को हाल में गिरफ्तार किया गया है, उनमें से कई संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियों में काम करते हैं – जैसे विश्व भोजन कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ।

कुछ हफ्ते पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने ईरान और ओमान की मध्यस्थता से 20 विदेशी सहायता कर्मचारियों की रिहाई करवाई थी और उन्हें यमन से बाहर भेज दिया था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र दूत हैंस ग्रंडबर्ग के अनुसार अभी भी 53 यमनी कर्मचारी, जो यूएन एजेंसियों में कार्यरत थे, हूती जेलों में बंद हैं। इसके अलावा कई अन्य सहायता संगठनों और विदेशी दूतावासों से जुड़े स्थानीय कर्मचारी भी कैद हैं।

यह गिरफ्तारियां उस घटना के बाद बढ़ीं जब अगस्त में इस्राइली हवाई हमलों में हूती के कई सदस्य और हूती सैन्य प्रमुख मोहम्मद अब्दुलकरीम अल-गमारी मारे गए थे।

इसके बाद हूती समूह ने सना में सुरक्षा कड़ी कर दी और जनसामान्य को सतर्क रहने का आह्वान किया। पिछले सप्ताह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि हूती समूह इजराइल के लिए खतरा है और उसे खत्म किया जाएगा।

हूती उत्तर-पश्चिम यमन के बड़े हिस्से पर कब्जा रखते हैं और गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल के खिलाफ मिसाइलें और ड्रोन दाग रहे थे। वे इजरायल से जुड़े जहाजों को भी लाल सागर में निशाना बना रहे थे। हालांकि, हाल में गाजा में युद्धविराम लागू होने के बाद उन्होंने हमले रोक दिए हैं।

--आईएएनएस

एएस/

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