काहिरा, 14 जून (आईएएनएस)। ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद मिडिल ईस्ट के अन्य देश सहम गए हैं। पिछले दो दिन में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े हमले किए। इनमें ईरान के कई सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। फिलहाल इजरायल के हमलों की मिडिल ईस्ट के अन्य देश कड़ी निंदा कर रहे हैं।
ट्यूनीशिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में हमले को "ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा का खुला उल्लंघन" बताया और चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को भी खतरे में डाल सकती हैं। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूनीशिया ने ईरानी जनता के साथ एकजुटता व्यक्त की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
इसी तरह, लीबिया के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली हमलों की निंदा करते हुए कहा कि "ये गंभीर उकसाव, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।" मंत्रालय ने सभी पक्षों से शांति और कूटनीतिक रास्ता अपनाकर विवाद सुलझाने का अनुरोध किया।
इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने मिस्र और जॉर्डन के समकक्षों, बद्र अब्देलात्ती और अयमन सफादी से फोन पर बात की। उन्होंने इस बातचीत में ईरान पर इजरायली हमलों की निंदा की और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए कूटनीतिक समाधान की अपील की। इराकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, हुसैन और अब्देलात्ती ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत जारी रखने के महत्व पर जोर दिया, जबकि हुसैन और सफादी ने किसी भी तरह की और बढ़ोतरी को खारिज किया और नए संवाद की जरूरत पर जोर दिया।
इजरायल ने ईरान के खिलाफ खास ऑपरेशन में उसके लगभग 100 ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें तेहरान, नतांज, खोंदाब और खुर्रमाबाद जैसे इलाके शामिल हैं। ईरानी सरकारी मीडिया ने तेहरान के एक आवासीय इलाके में महिलाओं और बच्चों समेत कई आम नागरिकों की मौत का दावा किया है।
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