काबुल, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ईरान ने लंबे समय से कृषि, निर्माण और कुशल व्यवसायों जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हजारों अफगान शरणार्थियों को वापस भेज दिया है। बड़ी संख्या में अफगानों की अचानक वापसी से अफगानिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है। रोजगार के अवसरों और आवश्यक सहायता सेवाओं की भारी कमी देखी जा रही है।
ईरान के कृषि क्षेत्र में चार साल तक काम करने वाले अफगान प्रवासियों में से एक, अब्दुल रहीम ने कहा कि अगर उनके देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध हों, तो वह अपने कौशल से अपने छह सदस्यों वाले परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं।
अफगान मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज ने रहीम के हवाले से कहा, "हम अब अपने देश लौट आए हैं। हम ईरान में कृषि संबंधी कार्य करते थे। अगर यहां कृषि क्षेत्र में अवसर मिलता है, तो मुझे खुशी होगी।"
एक अन्य अफगान प्रवासी ने कहा, "अगर ईरान में हमने जो काम किया, वह हमारे देश में उपलब्ध होता, तो हम कभी ईरान नहीं जाते। ईरानी सरकार और वहां के लोगों ने हमारे साथ बुरा व्यवहार किया। हमने वहां घर किराए पर लिए, और वे हमें हमारी मजदूरी नहीं देते।"
हाल ही में, अफगान शरणार्थी मामलों के आयोग के प्रवक्ता अहमदुल्लाह वसीक ने अफगान प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के लिए ईरानी सरकार की निंदा की और उनसे निर्वासन प्रक्रिया के लिए अफगान सरकार के साथ समन्वय करने का आग्रह किया।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से शरणार्थी मामलों के आयोग के साथ समन्वय करके लौटने वालों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने का आह्वान किया।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले ईरान से निर्वासित लोगों में से एक, फातिमा, जो तीन साल से अपने परिवार के साथ ईरान में रह रही थी, ने ईरानी अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहारों का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा, "हमें शिविर से लाया गया था, और उन्होंने हमें कुछ भी न लाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि वे हमारी मदद करेंगे। लेकिन रास्ते में, किसी ने हमें कुछ नहीं दिया; मेरे बच्चे भूखे रहे। यात्रा के दौरान उन्होंने हमें परेशान किया और हमारे पैसे व फोन छीन लिए।"
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से 1 अगस्त तक, 21 लाख से ज्यादा अफगानों को ईरान और पाकिस्तान से निर्वासित करके उनके देश वापस भेजा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, "1 अप्रैल से 30 जुलाई तक, ईरान से 14 लाख और पाकिस्तान से 3,03,300 अफगान अफगानिस्तान लौटे हैं। 2025 तक ईरान और पाकिस्तान से 21 लाख से ज्यादा अफगान वापस आ चुके हैं। अफगानिस्तान की स्थिति बेहद कमजोर है। उसे इस वर्ष के लिए आवश्यक 478 मिलियन डॉलर का केवल 24 प्रतिशत ही मिल पाया है।"
ईरान और पाकिस्तान से निर्वासित कई अफगान प्रवासियों ने आश्रय, बेरोजगारी और बुनियादी सेवाओं की कमी के कारण अपने देश में कठिन जीवन स्थितियों के बारे में चिंता जताई है।
--आईएएनएस
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