लंदन, 21 सितंबर (आईएएनएस)। लंदन के हीथ्रो, ब्रुसेल्स और बर्लिन हवाईअड्डे के यात्रियों को एक और दिन कथित साइबर अटैक से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कथित साइबर हमले ने चेक-इन डेस्क सॉफ्टवेयर को प्रभावित किया।
विभिन्न एयरलाइनों को चेक-इन डेस्क तकनीक प्रदान करने वाले 'कोलिन्स एयरोस्पेस' पर कथित हमले के बाद, एयरलाइनों को शुक्रवार रात से मैन्युअल चेक-इन शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हवाई अड्डों ने यात्रियों से यात्रा से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति की जांच करने का आग्रह किया और लंबी दूरी की उड़ानों से तीन घंटे पहले और छोटी दूरी की उड़ानों से दो घंटे पहले पहुंचने को कहा।
कोलिन्स ने शनिवार को कहा कि वे एक 'साइबर संबंधी घटना' से निपट रहे हैं। अगर इसकी पुष्टि हैक के रूप में होती है, तो यह हाल के महीनों में प्रमुख कंपनियों पर हुए हमलों की लंबी श्रृंखला में शामिल हो जाएगा। ब्रिटिश मीडिया ग्रुप द गार्जियन के अनुसार, इस साइबर अटैक के कारण ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कंपनी, जगुआर लैंड रोवर, हैकिंग के कारण तीन हफ्तों से कोई कार नहीं बना पा रही है।
ब्रिटिश रिटेलर 'मार्क्स एंड स्पेंसर' और 'को-ऑप' भी इस साल की शुरुआत में अलग-अलग साइबर हमलों का शिकार हुए थे। विमानन डेटा कंपनी सिरियम के अनुसार, शनिवार (20 सितंबर) को हीथ्रो, बर्लिन और ब्रुसेल्स में 35 और रविवार सुबह तक 38 उड़ानें रद्द हो गईं।
डेटा कंपनी फ्लाइटराडार24 के अनुसार, हीथ्रो में रविवार सुबह 11 बजे तक 130 से ज्यादा उड़ानें 20 मिनट या उससे ज्यादा देरी से चल रही थीं। शनिवार को तेरह उड़ानें रद्द कर दी गईं, हालांकि सैकड़ों उड़ानों में से अधिकतर देरी से चल रही थीं।
हीथ्रो के एक प्रवक्ता ने कहा कि "अंतर्निहित समस्या हमारे नियंत्रण से बाहर थी" लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हवाई अड्डे ने किसी भी व्यवधान से निपटने में मदद के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया है।
--आईएएनएस
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