गाजा संघर्ष पर मिस्र और कतर का साझा संकल्प, सीजफायर को स्थायी बनाने की कोशिशें तेज

काहिरा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति योजना के तहत गाजा पट्टी और इजरायल के बीच युद्ध विराम के बाद गाजा में शुरुआती पुनर्निर्माण और राहत कार्यों को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं। इस बीच गाजा पट्टी में युद्धविराम को मजबूत करने और स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती और कतर के प्रधानमंत्री व विदेशमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने बातचीत की।

दोनों नेताओं ने इस दिशा में मिलकर काम जारी रखने का संकल्प जताया। साथ ही वेस्ट बैंक की स्थिति पर चिंता जताईकी। दोनों नेताओं ने इजरायल द्वारा किए जा रहे सभी अवैध बस्तियों के विस्तार और लगातार हो रहे उल्लंघनों की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम शांति की संभावनाओं को कमजोर करते हैं और तनाव को बढ़ाते हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मिस्र के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान का हवाला देते हुए कहा कि फोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने गाजा को लेकर चल रही ताजा राजनीतिक हलचलों और अमेरिकी राष्ट्रपति की शांति योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने जोर दिया कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के बीच एकता बनाए रखना बेहद जरूरी है ताकि फिलिस्तीनी क्षेत्रों की भौगोलिक और राजनीतिक अखंडता बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी जनता को अपने मामलों का संचालन स्वयं करना चाहिए और निर्णय लेने की प्रक्रिया में एकता बनाए रखनी चाहिए।

बातचीत के दौरान गाजा में अंतरराष्ट्रीय बलों की तैनाती को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चल रही परामर्श प्रक्रिया पर भी विचार किया गया। मिस्र और कतर दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय बल की भूमिका और अधिकार स्पष्ट रूप से तय होने चाहिए ताकि गाजा में शुरुआती पुनर्निर्माण और राहत कार्य प्रभावी रूप से आगे बढ़ सकें।

इजरायल और हमास के बीच दो साल से जारी संघर्ष के बाद 10 अक्टूबर को युद्धविराम पर सहमति बनी थी। इस बहुप्रतीक्षित समझौते में मिस्र, कतर, तुर्की और अमेरिका ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रस्तावित शांति योजना के अनुसार, गाजा में सुरक्षा की जिम्मेदारी धीरे-धीरे इजरायली सेना को हटाकर एक अस्थायी अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल को सौंपी जाएगी। वाशिंगटन इस बल में मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, इंडोनेशिया, तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों की भागीदारी को लेकर चर्चा कर रहा है।

--आईएएनएस

वीकेयू/वीसी

Related posts

Loading...

More from author

Loading...