नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगी और दक्षिणपंथी राजनीतिक कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या के बाद बड़ा कदम उठाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि वे वामपंथी ग्रुप 'एंटीफा' को 'एक प्रमुख आतंकवादी संगठन' घोषित कर रहे हैं। इसके साथ ही, डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि इसे वित्तपोषित करने वालों की 'कानूनी मानकों और प्रक्रियाओं के अनुसार' जांच की जाएगी।
'एंटीफा' को लेकर कहा जाता है कि यह कट्टरपंथी लीडर्स का एक गुप्त संगठन है, जो हाल के वर्षों में उभरा है। इसके आधिकारिक नेताओं के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसके सदस्य, अक्सर पूरी तरह से काले कपड़े पहने हुए, नस्लवाद, अति-दक्षिणपंथी मूल्यों और जिसे वे फासीवाद मानते हैं, उसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हैं और हिंसक रणनीति को कभी-कभी आत्मरक्षा के रूप में उचित ठहराते हैं।
'एंटीफा' सदस्य खुद को एक विरोध परंपरा का हिस्सा मानते हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध से पहले नाजी जर्मनी और फासीवादी इटली के विपक्षी समूहों से जुड़ी है।
अमेरिकी 'एंटीफा' सक्रियता की जड़ें 1980 के दशक में नस्लवादी स्किनहेड्स, कू क्लक्स क्लान (केकेके) के सदस्यों और नव-नाजियों की गतिविधियों का विरोध करते हुए लामबंद हुए नस्लवाद-विरोधी ग्रुपों से जुड़ी हैं।
अगस्त 2017 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में 'एंटीफा' संगठन को उस समय प्रमुखता मिली, जब वर्जीनिया के चार्लोट्सविले में श्वेत वर्चस्ववादियों और उनके विरोधियों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं।
पिछले कुछ सालों में, ये संगठन विरोध प्रदर्शनों और रैलियों में, खासकर उन रैलियों में, जिनमें अति-दक्षिणपंथी सदस्य शामिल होते हैं, तेजी से सक्रिय हो रहे हैं।
जून 2016 में 'एंटीफा' और अन्य प्रदर्शनकारियों ने कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में एक रैली का विरोध किया, जिसमें कम से कम 5 लोगों को चाकू मार दिया गया।
इसके बाद फरवरी, मार्च और अप्रैल 2017 में, 'एंटीफा' सदस्यों ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में अति-दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया।
इसी तरह जुलाई 2019 में 'एंटीफा' संगठन से जुड़े विलियम वैन स्प्रोन्सन नाम के एक शख्स ने वाशिंगटन के टैकोमा में एक दफ्तर पर बमबारी का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस ने उसे मार गिराया था।
यहां तक कि 2020 में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध के बीच भी ट्रंप ने 'एंटीफा' को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने की बात कही थी।
सिर्फ यही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही कई घटनाओं को लेकर 'एंटीफा' को दोषी ठहराते रहे हैं।
इसी क्रम में अपने करीबी चार्ली किर्क की हत्या के बाद ट्रंप ने 'एंटीफा' पर बड़ी कार्रवाई की है।