चीनी सांस्कृतिक अवशेष अमेरिका से वापस लौटे

अमेरिका से लौटे चीन के दुर्लभ रेशमी ग्रंथ, पहली बार नेशनल म्यूजियम में होंगे प्रदर्शित।
चीनी सांस्कृतिक अवशेष अमेरिका से वापस लौटे

बीजिंग: चीनी राजकीय सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो ने अमेरिका स्थित चीनी दूतावास में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के राष्ट्रीय एशियाई कला संग्रहालय द्वारा वापस किए गए दो चीनी सांस्कृतिक अवशेष स्वीकार किए।

बताया जाता है कि उक्त दो चीनी सांस्कृतिक अवशेष युद्धरत राज्यों के मध्य और परवर्ती काल के हैं। इनके नाम वूशिंगलिंग और कोंगशोचान हैं। दोनों खंडों में क्रमशः चार ऋतुओं और बारह महीनों के बारे में क्या करने व क्या नहीं करने और किसी शहर पर आक्रमण करने व उसकी रक्षा करने के बारे में क्या करने व क्या नहीं करने का विवरण दिया गया है।

चीनी राजकीय सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के अधिकारी ने कहा कि उक्त दो सांस्कृतिक अवशेषों की वापसी इतिहास में पहला मामला है, जिसमें चीन ने सक्रिय रूप से खोए हुए सांस्कृतिक अवशेषों की पुनर्प्राप्ति की पहल की।

गौरतलब है कि चीन के प्राचीन काल में पुस्तक बांस की पट्टियों और रेशम पर लिखी हुई थी। उक्त दो सांस्कृतिक अवशेष सबसे प्रारंभिक और एकमात्र युद्धरत राज्य की सिल्क पुस्तकें हैं। इनका पता वर्ष 1942 में चीन के हूनान प्रांत के छांगशा शहर में लगाया गया था और वर्ष 1946 में अवैध रूप से अमेरिका में पहुंचाए गए।

बताया जाता है कि उक्त दो सांस्कृतिक अवशेष अगले जुलाई में चीनी राष्ट्रीय संग्रहालय में पहली बार दर्शकों के लिए प्रदर्शित होंगे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

 

 

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