बीजिंग: चीन ने अपनी एयरलाइन कंपनियों को बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी नहीं लेने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग ने अमेरिका में बनने वाले विमान के पार्ट्स और संचार तंत्र की खरीद रोकने का आदेश दिया है। दरअसल चीन ने यह आदेश अमेरिका के 145 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में जारी किया है। बोइंग एयरप्लेन एक अमेरिकी कंपनी है, जो एयरप्लेन, रॉकेट, सैटेलाइट, टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट और मिसाइल बनाती है। कई देशों की एयरलाइंस कंपनियां बोइंग के बनाए प्लेन का इस्तेमाल करती हैं। बात दें कि बोइंग अमेरिका की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर कंपनी है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी डिफेंस डील करने वाली कंपनी भी है।
इतना ही नहीं चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात को रोक दिया है। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद जरुरी हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे। चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।