बीजिंग: इस साल 14वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम साल है। चीनी अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान आकर्षित हुआ। इस साल की पहली छमाही में आर्थिक आंकड़े हाल में सार्वजनिक हुए।
पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल की पिछली छमाही में चीन की जीडीपी में 5.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। वस्तुओं के आयात और निर्यात में 2.9 फीसदी का इजाफा हुआ।
इस साल से अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में जटिल परिवर्तन होने की वजह से अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा। इसके साथ अस्थिरता और अनिश्चितता भी बढ़ी। विशेषकर दूसरी तिमाही में अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में तेज परिवर्तन आया और बाहरी दबाव काफी बढ़ गया। इसी स्थिति में चीनी अर्थव्यवस्था ने दबाव को दूर कर मजबूत लचीलापन दिखाया।
आंकड़ों के अनुसार, आर्थिक वृद्धि में अंतिम उपभोग व्यय का अनुपात 52 प्रतिशत रहा। इससे जाहिर है कि उपभोग आर्थिक विकास की मुख्य प्रेरक शक्ति बना हुआ है। उपभोग के साथ घरेलू मांग ने जीडीपी की वृद्धि में 68.8 फीसदी का योगदान दिया। इससे जाहिर है कि घरेलू मांग जीडीपी की वृद्धि की मुख्य प्रेरक शक्ति है।
वहीं, पहली छमाही में आर्थिक विकास में कई नई उपलब्धियां सामने आईं। आंकड़ों के अनुसार, अब चीन में अनुसंधान और विकास का जीडीपी में लगभग 2.7 प्रतिशत हिस्सा है, जो यूरोपीय संघ के औसत स्तर से अधिक हो गया है और ओईसीडी देशों के औसत स्तर के करीब है।