चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन : बहुपक्षीय कूटनीति से विश्व शांति को मजबूती

बीजिंग, 8 जून (आईएएनएस)। दूसरा चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित होगा। यह सम्मेलन क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने और आपसी विकास के नए अवसर तलाशने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा। अब चीन की बहुपक्षीय कूटनीति न केवल एशिया बल्कि पूरे विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने में सकारात्मक भूमिका निभा रही है।

यह शिखर सम्मेलन चीन और मध्य एशियाई देशों (कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान) के बीच आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं पैदा हुई हैं।

बैठक में आपसी व्यापार, ऊर्जा सहयोग, आधारभूत संरचना विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे विषयों पर चर्चा होगी। चीन की नीति स्पष्ट रूप से यह दिखाती है कि वह न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखता है, बल्कि अन्य विकासशील देशों के साथ साझा प्रगति की सोच को भी बढ़ावा देता है। चीन की विदेश नीति का मूल आधार साझा विकास, समान समृद्धि और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व है। बहुपक्षवाद के माध्यम से चीन न केवल अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी स्थिरता और विकास को प्राथमिकता देता है। शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स जैसे संगठनों में चीन की सक्रिय भागीदारी इसका उदाहरण है।

चीन का मानना है कि टकराव नहीं, बल्कि सहयोग से ही वैश्विक चुनौतियों का समाधान हो सकता है। व्यापार, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चीन की सक्रिय भूमिका विकासशील देशों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है। मध्य एशिया के साथ साझेदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देगी बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।

साझा भविष्य की दिशा में

चीन और मध्य एशिया के संबंधों का इतिहास हजारों साल पुराना है, और आज यह साझेदारी नई सदी की साझी प्रगति का प्रतीक बनती जा रही है। चीन, एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में, सहयोग, संवाद और साझा समृद्धि की भावना से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है।

आज जब विश्व विविध संकटों से गुजर रहा है - चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, ऊर्जा संकट हो या सुरक्षा संबंधी चिंताएं - ऐसे समय में चीन की बहुपक्षीय कूटनीति एक स्थिर, संतुलित और समावेशी वैश्विक व्यवस्था की ओर एक ठोस कदम है। अस्ताना सम्मेलन इस बात का प्रतीक है कि संवाद और सहयोग के माध्यम से ही हम एक शांतिपूर्ण और समृद्ध वैश्विक भविष्य की नींव रख सकते हैं।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एकेजे/

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