चीन में आधुनिकीकरण बढ़ाने की समर्थन व्यवस्था

बीजिंग, 26 मई (आईएएनएस)। त्रिभुज को प्रकृति में सबसे अधिक स्थिर संरचना के रूप में जाना जाता है। नए युग में चीन ने राष्ट्रीय आधुनिकीकरण के समर्थन में शिक्षा, प्रौद्योगिकी और प्रतिभा को मजबूत देश बनाने की रणनीति अपनाई।

शिक्षा नींव की तरह राष्ट्रीय विकास का आधार मजबूत बनाती है। चीन ने दुनिया में सबसे बड़ी शिक्षा व्यवस्था स्थापित की। लेकिन, 1.4 अरब जनसंख्या वाला चीन फिर भी असंतुलित शैक्षिक संसाधन और उद्योग, शिक्षा व अनुसंधान का अपर्याप्त एकीकरण जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।

चीन के विकास के चलते लिथोग्राफी मशीन और ऑपरेटिंग सिस्टम आदि कुंजीभूत तकनीक और उपकरण में अमेरिका के प्रतिबंध मौजूद हैं। इसलिए, चीन ने एक तरफ शैक्षिक संसाधन के आवंटन को अनुकूलित किया और दूसरी तरफ प्रमुख क्षेत्रों में प्रतिभाओं के प्रशिक्षण पर ध्यान दिया। अब चीन में वैज्ञानिक और तकनीकी मानव संसाधन दुनिया के पहले स्थान पर है।

वहीं, प्रौद्योगिकी इंजन की तरह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए निरंतर गति प्रदान करती है। कई वर्षों में चीन के अनुसंधान निवेश में बड़ी बढ़ोतरी कायम रही। चीन ने कई प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाएं पूरी की।

उधर, प्रतिभा जंक्शन की तरह शिक्षा और प्रौद्योगिकी के पुण्य चक्र को जोड़ती है। शिक्षा, प्रौद्योगिकी और प्रतिभा की "त्रिमूर्ति" रणनीति से न सिर्फ क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति करने वाले वैज्ञानिक सामने आए, बल्कि कार्यशाला में नई तकनीकों का आविष्कार करने वाले शिल्पकार भी पैदा हुए।

चीन की "त्रिमूर्ति" रणनीति कोई बंद प्रणाली नहीं है, बल्कि एक खुला, सहयोगात्मक और गतिशील रूप से विकसित होने वाला नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र है। यह न सिर्फ चीन के आधुनिकीकरण का समर्थन करती है, बल्कि दुनिया के विकास में पूर्वी ज्ञान डालती है। शिक्षा, प्रौद्योगिकी और प्रतिभा का मिश्रित विकास चीनी शैली के आधुनिकीकरण के लिए मजबूत आधार और समर्थन प्रणाली तैयार करती है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

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