चीनी बुद्धिमत्ता और वैश्विक खाद्य सुरक्षा का विलय

बीजिंग, 18 नवंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2025 विश्व खाद्य मंच कुछ समय पहले इटली के रोम में संपन्न हुआ। वैश्विक प्रतिनिधियों ने एक बार फिर इस प्राचीन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया कि भविष्य में दुनिया के लगभग 10 अरब लोगों को भोजन कैसे उपलब्ध कराया जाए? मानव जाति के भाग्य से संबंधित इस संवाद में चीन अपनी 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी से कृषि का पुनरुत्थान करने' की रणनीति से दुनिया को आशापूर्ण संभावना प्रदान करता है।

चीन विश्व की 9 प्रतिशत से भी कम कृषि योग्य भूमि पर दुनिया की लगभग 20 प्रतिशत जनसंख्या का भरण-पोषण करता है। इस चमत्कार के पीछे विज्ञान और प्रौद्योगिकी का शक्तिशाली समर्थन छिपा है। 'जीविका के लिए स्वर्ग पर निर्भर रहने' से लेकर 'स्वर्ग के अनुसार कार्य करने' तक चीन की कृषि गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।

उत्तर-पूर्वी चीन की काली मिट्टी पर मानवरहित ट्रैक्टर सटीक बीजरोपण के लिए पेईतो नेविगेशन का उपयोग करते हैं। पश्चिमी चीन की सूखी जमीन पर बुद्धिमान सिंचाई प्रणाली मिट्टी की नमी के आधार पर स्वचालित सिंचाई करती है। पूर्वी चीन के तटीय क्षेत्रों में समुद्री खेत नीले अन्न भंडार बनाते हैं। ये सब पायलट परियोजनाएं नहीं रह गयी हैं, बल्कि चीनी कृषि का सामान्य हिस्सा बन चुकी हैं।

चीन की विज्ञान और प्रौद्योगिकी से कृषि को बढ़ावा देने की रणनीति की विशेषता इसकी व्यवस्थित सोच में निहित है। यह केवल प्रौद्योगिकी की प्रगति ही नहीं, बीज उद्योग के पुनरुत्थान से लेकर बुद्धिमान कृषि तक और पारिस्थितिक संरक्षण से लेकर औद्योगिक एकीकरण तक संपूर्ण नवाचार भी है।

जब विश्व खाद्य मंच पर विशेषज्ञ अफ्रीका में कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान पर विचार कर रहे थे, तब संकर चावल, लवणीय-क्षारीय भूमि में परिवर्तन और ई-कॉमर्स से कृषि का विकास करने में चीन का अनुभव ध्यानाकर्षक शोध नमूना बन गया है। चीन के अभ्यास से पता चलता है कि खाद्य समस्या के समाधान के लिए तकनीक की आवश्यकता के साथ किसान प्रशिक्षण प्रणाली की भी जरूरत है।

चीन अपने अनुभव से दिखाता है कि एक बड़ा विकासशील देश कैसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से खाद्य सुरक्षा की जीवनरेखा को अपने हाथों में पकड़ता है। यह चीनी अनुभव का वैश्विक महत्व है। चीन ने वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र खाद्यान्न और कृषि संगठन (एफएओ) के साथ 'हाथ में हाथ' कार्य योजना शुरू की। अब तक इसमें 80 से अधिक देशों और क्षेत्रों ने भाग लिया है और आठ अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाई है। चीन का डिजिटल कृषि समाधान अधिकाधिक विकासशील देशों के साथ साझा किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी से कृषि का विकास करने में चीन की बुद्धिमत्ता वैश्विक सार्वजनिक उत्पाद बन गई है।

विश्व खाद्य मंच संपन्न हो गया है, लेकिन भूख के खिलाफ मानवता का संघर्ष कभी समाप्त नहीं होता। जब वैश्विक खाद्य प्रणाली जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक मुठभेड़ और ऊर्जा संकट जैसी अनेक चुनौतियों का सामना कर रही हो, चीन की विज्ञान और प्रौद्योगिकी से कृषि का विकास करने की रणनीति हमें बताती है कि प्रौद्योगिकी से भोजन के प्रत्येक दाने की रक्षा करना और सहयोग से ज्ञान के प्रत्येक कण को साझा करना भविष्य में खाद्य सुरक्षा के मार्ग के लिए विश्वसनीय दिशानिर्देश हैं। इस रास्ते पर चीन की खोज खुद के लिए ही नहीं, बल्कि भूख से मुक्त मानव जाति साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के लिए भी मददगार सिद्ध होगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

डीकेपी/

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