बलूचिस्तान में सरकार के खिलाफ किसानों का फूटा गुस्सा, कृषि फंड नहीं देने का आरोप

क्वेटा, 17 अगस्त (आईएएनएस)। किसान इत्तेहाद पाकिस्तान (केआईपी) के चेयरमैन खालिद हुसैन बथ ने बलूचिस्तान सरकार पर किसानों से किए वादे पूरे न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नसीराबाद डिवीजन के किसानों को कृषि ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा में बदलने के लिए अब तक फंड उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो प्रांत का इकलौता हरित क्षेत्र है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बथ ने बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने से ट्यूबवेल बंद पड़े हैं, फसलें सूख रही हैं और किसान भारी वित्तीय नुकसान झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सोलराइजेशन के लिए फंड देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक मंजूर रकम जारी नहीं हुई है।

उनके मुताबिक तीन फेज से दो फेज कनेक्शन कर दिए गए और बकाया भुगतान से पहले ही बिजली काट दी गई। रबी नहर में पानी न आने से कृषि, पशुपालन और स्थानीय समुदाय बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पानी की कमी के चलते फसलें नष्ट हो गईं और पीने के पानी तक की किल्लत हो गई है। सिंचाई मंत्री के आश्वासन के बाद किसानों ने बीज बोए थे, लेकिन पानी न मिलने से वे भी खराब हो गए।

बथ ने आरोप लगाया कि कौशल विकास केंद्र, कृषि कार्यशालाएं या महिला किसानों के लिए किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गई है। उन्होंने सरकार से रबी नहर, नारी और बोलन क्षेत्रों के किसानों के लिए सौर ऊर्जा कार्यक्रम की घोषणा करने की मांग की, जो अभी डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं।

गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी में ग्रीन किसान इत्तेहाद (जीकेआई) ने कृषि उत्पादन पर 35 प्रतिशत टैक्स लगाने के फैसले को "किसान विरोधी और क्रूर" करार देते हुए खारिज कर दिया था। यह टैक्स अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के निर्देश पर लगाया गया था।

जीकेआई अध्यक्ष आगा लाल जान अहमदजई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि क्वेटा-कराची हाईवे के निर्माण से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की 75 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है और यह क्षेत्र देश को फल, सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद उपलब्ध कराता है, साथ ही करोड़ों रुपये करों के रूप में योगदान करता है। इसके बावजूद, बलूचिस्तान की कृषि व्यवस्था पूरी तरह ढहने की कगार पर है।

--आईएएनएस

डीएससी/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...