नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय वार्ता (आईएसएमआर) का तीसरा दौर बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देना और उन्हें मजबूत बनाना है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मंत्रिस्तरीय इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे।
सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधानमंत्री और व्यापार व उद्योग मंत्री गान किम योंग करेंगे। सिंगापुर से भाग लेने वाले अन्य मंत्रियों में राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वय मंत्री व गृह मंत्री के. षणमुगम, विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जोसेफिन तेओ, जनशक्ति मंत्री तान सी लेंग और कार्यवाहक परिवहन मंत्री जेफरी सिओ भी मौजूद रहेंगे।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से परिकल्पित, आईएसएमआर भारत-सिंगापुर सहयोग के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए एक अनूठा तंत्र है। इसकी उद्घाटन बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में और दूसरी बैठक अगस्त 2024 में सिंगापुर में आयोजित की गई थी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और सिंगापुर एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। आईएसएमआर का तीसरा दौर हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और व्यापक व गहन बनाने के अवसरों की पहचान करेगा।
यह उच्च-स्तरीय चर्चा सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की अगले महीने संभावित भारत यात्रा से पहले हो रही है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया था।
इसके बाद, जनवरी 2025 में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने उच्च-स्तरीय बैठकों के लिए भारत का दौरा किया था। राष्ट्रपति थर्मन के साथ उनकी पत्नी जेन इट्टोगी शनमुगरत्नम भी भारत दौरे पर आईं। यह राष्ट्रपति थर्मन की भारत में पहली राजकीय यात्रा थी। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी बातचीत की, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 'भविष्य के क्षेत्रों' पर ध्यान केंद्रित किया गया।
--आईएएनएस
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