भारत पर और अधिक टैरिफ के फैसले से पहले ट्रंप को है मास्को से मिलने वाले 'रिजल्ट' का इंतजार

न्यूयॉर्क, 6 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ मास्को में रूसी नेताओं के साथ बैठक के लिए मौजूद हैं। इस बैठक का परिणाम यह निश्चित करेगा कि डोनाल्ड ट्रंप रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर कितना टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं।

मंगलवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "कल रूस के साथ हमारी बैठक है। देखते हैं क्या होता है, हम उस समय इस पर फैसला लेंगे।"

मंगलवार सुबह ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वह अगले 24 घंटों के भीतर भारत पर भारी टैरिफ लगाएंगे, लेकिन दोपहर में पत्रकारों से बात करते हुए उनके बयान से ऐसा लग रहा था कि अगर यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत में कोई प्रगति होती है, तो वह इस धमकी को टाल सकते हैं।

एक पत्रकार द्वारा रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की उनकी धमकी की याद दिलाए जाने पर, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इससे इनकार किया।

उन्होंने कहा, "मैंने कभी प्रतिशत नहीं कहा, लेकिन हम काफी हद तक ऐसा करेंगे।"

14 जुलाई को उन्होंने कहा था कि अगर 50 दिनों में कोई समझौता नहीं होता है, तो तेल खरीदारों पर द्वितीयक टैरिफ के रूप में जाना जाने वाला टैरिफ 100 प्रतिशत होगा।

ट्रंप ने 50 दिनों की समय सीमा को घटाकर 12 दिन कर दिया है, जो इस सप्ताह समाप्त हो जाएगी।

ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत अमेरिका से आयात पर शून्य शुल्क लगाएगा।

उन्होंने कहा, "भारत अब तक के सबसे ज्यादा शुल्क से शून्य शुल्क पर आ गया है, और वे इसमें शामिल हो सकते हैं। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि वे तेल के साथ जो कर रहे हैं, वह अच्छा नहीं है। इसलिए पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क में दंडात्मक शुल्क भी जुड़ेगा।"

2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए एक टास्क फोर्स पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पांच महीनों में पांच युद्ध रोक दिए हैं, और वे चाहते हैं कि इसके बाद रूस-यूक्रेन का युद्ध भी सुलझ जाए।

अपने चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह 24 घंटे के भीतर यूक्रेन युद्ध समाप्त कर देंगे। ट्रंप भारत को धमकियां देकर रूस पर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उसके तेल निर्यात का 70 प्रतिशत हिस्सा खरीदता है।

विटकॉफ की मॉस्को की हालिया यात्रा को रूस के लिए युद्ध समाप्त करने की ट्रंप की मांग पर प्रतिक्रिया देने का आखिरी मौका बताया गया है, अन्यथा उस देश के साथ-साथ उससे तेल खरीदने वाले देशों को और अधिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी फिलहाल मास्को में हैं। उनकी यह यात्रा ट्रंप की टैरिफ धमकियों के पहले से प्रस्तावित है।

भारत ने रूस से तेल खरीद का बचाव किया है। भारत ने कहा है कि वह यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के समर्थन के बजाय देश की आर्थिक जरूरत बताकर किया है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत पर अमेरिका का निशाना अनुचित है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूरोपिय संघ और अमेरिका रूस के साथ व्यापार के मुद्दे पर दोहरी चाल चल रहे हैं। पिछले साल रूस के साथ यूरोपीय संघ का व्यापार अनुमानित 67.5 अरब डॉलर का था। वहीं अमेरिका रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, उर्वरक और रसायन आयात करता रहता है

--आईएएनएस

पीएके/एएस

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