नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान के लगातार गीदड़भभकी और नफरत फैलाने वाले बयानों की कड़ी निंदा की है और चेतावनी दी है कि किसी भी तरह के दुस्साहस का नतीजा सख्त और दर्दनाक होगा।
साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान का यह पुराना तरीका है कि वह अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार भारत-विरोधी बयानबाजी करता है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह अपनी बयानबाजी पर संयम रखे, क्योंकि किसी भी दुस्साहस के गंभीर और दर्दनाक परिणाम होंगे, जैसा हाल में देखा गया है।"
यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया विवादास्पद बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने अमेरिका दौरे के दौरान कहा था कि पाकिस्तान, भारत को सिंधु नदी को रोकने की अनुमति कभी नहीं देगा और इसके जल अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी बांध को नष्ट करने से भी पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, फ्लोरिडा के टाम्पा में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय के एक कार्यक्रम में मुनीर ने कहा, "हम इंतजार करेंगे कि भारत बांध बनाए और फिर उसे ध्वस्त कर देंगे... सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है।"
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह "परमाणु धमकियों" के आगे नहीं झुकेगा। इससे पहले भी जायसवाल ने मुनीर के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की आदत है। ऐसे बयान न केवल उनकी गैर-जिम्मेदारी को दर्शाते हैं, बल्कि एक ऐसे देश में परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाते हैं, जहां सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिली हुई है।"
विदेश मंत्रालय ने यह भी खेद जताया कि ये बयान एक "मित्र तीसरे देश" की धरती से दिए गए। मंत्रालय ने दोहराया कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाता रहेगा।
इससे पहले अप्रैल में भी भारत ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर को इस्लामाबाद की "शिरा" (जुगुलर वेन) बताने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। जायसवाल ने कहा था, "देखिए, जो चीज़ उनकी नहीं है, वह उनकी शिरा कैसे हो सकती है? यह भारत का केंद्रशासित प्रदेश है और पाकिस्तान से इसका एकमात्र रिश्ता वहां के अवैध कब्जे को खत्म करने का है।"
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