भारत के बाद पाक ने भी अमेरिका की मध्यस्थता का दावा नकारा, सऊदी अरब की भूमिका को बताया अहम

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। भारत के बाद अब पाकिस्तान ने भी दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में अमेरिका की भूमिका को नकारा है। साथ ही यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के रिक्वेस्ट पर सऊदी अरब ने भारत से सीजफायर के लिए बात की।

पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री इशाक डार ने पाकिस्तानी समाचार चैनल में दिए एक इंटरव्यू के दौरान ऐसा दावा किया।

डार ने इंटरव्यू के दौरान यह भी माना कि भारत ने पाकिस्तान के दो बड़े एयरबेस, नूर खान और शोरकोट, पर हमला किया था। उन्होंने खुलासा किया कि 6-7 मई की दरमियानी रात जब पाकिस्तान जवाबी हमले की तैयारी कर रहा था, तभी भारत ने दोबारा एयर स्ट्राइक किया और नूर खान-शोरकोट एयरबेस को नुकसान पहुंचाया।

डार ने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने की भूमिका में सऊदी अरब की पहल की बात स्वीकारी। उन्होंने बताया कि भारत के हमलों के बाद सऊदी अरब के प्रिंस ने भारत से फोन पर बात करने का प्रस्ताव दिया था। फिर पाकिस्तान की हामी के बाद सऊदी अरब ने भारत से बात की थी।

उप-प्रधानमंत्री ने बताया, "भारतीय हमलों के करीब 45 मिनट बाद सऊदी अरब के प्रिंस फैसल ने मुझसे फोन पर बात की। प्रिंस ने कहा कि क्या मैं भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात करूं? अगर पाकिस्तान रुकने के लिए तैयार है तो भारत भी रुक सकता है। इस पर मैंने उन्हें हां कह दिया। फिर प्रिंस का कुछ देर बाद दोबारा कॉल आया और बताया कि जयशंकर को सारी बातें बता दी हैं।"

डार के इस दावे से अब यह साफ हो गया कि सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते आक्रोश को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उल्लेखनीय है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) और पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करके 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। इसके बाद पाक के नाकाम हमलों के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया। बाद में पाकिस्तान के अनुरोध पर सीजफायर हुआ। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों से दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने का दावा करते नजर आए, जबकि भारत इसको लगातार नकारता रहा। वहीं, अब यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने भी दोनों पड़ोसी देशों के बीच अमेरिका की मध्यस्थता की भूमिका को नकारा और साफ किया कि सऊदी अरब दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए आगे आया था।

--आईएएनएस

एससीएच/केआर

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