ढाका, 28 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई में हुए हिंसक आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र संगठन स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) ने देशभर में अपनी सभी इकाइयों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। केवल केंद्रीय समिति को सक्रिय रखा गया है। यह कदम संगठन के कई सदस्यों पर रंगदारी के आरोप लगने के बाद उठाया गया है।
रविवार शाम ढाका में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएडी के अध्यक्ष रिफात राशिद ने कहा, “हमने कई घटनाएं देखी हैं, जिनमें शनिवार की घटना भी शामिल है, जहां कुछ लोगों ने एसएडी के नाम का दुरुपयोग कर अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की। हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा बर्ताव किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ सदस्य राजनीतिक दलों के प्रभाव में आकर भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए हैं, जिन्हें अब नियंत्रण में रखना मुश्किल हो गया है।
यह बयान उस घटना के बाद आया है, जिसमें एसएडी से जुड़े पांच लोगों को पुलिस ने रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने ढाका के गुलशन इलाके में पूर्व सांसद और अवामी लीग नेता शम्मी अहमद के घर जाकर 50 लाख टका की मांग की। शम्मी अहमद की गैरमौजूदगी में उन्होंने उनके पति से 10 लाख टका वसूल भी लिए।
पुलिस ने शनिवार को जब यह समूह बचे हुए 40 लाख लेने पहुंचा, तो उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व एसएडी नेता उमामा फातेमा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “गिरफ्तार किए गए लोग लंबे समय से संगठन के शीर्ष नेताओं के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं। वे हर आंदोलन, रैली, मीटिंग और टकराव में सक्रिय रूप से शामिल रहते थे। अब लोग हैरानी जता रहे हैं, जैसे उन्हें पहली बार इनकी असलियत पता चली हो, जबकि सच्चाई यह है कि ये पहली बार पकड़े गए हैं।”
स्थानीय मीडिया के अनुसार, एसएडी सदस्यों पर पहले भी कई बार अनुशासनहीनता और अवैध वसूली के आरोप लगे हैं।
मई में ढाका के मीरपुर इलाके में कुछ एसएडी कार्यकर्ताओं ने एक ठेकेदार को बंधक बनाकर उसके मोबाइल की तलाशी ली और 5 करोड़ टका की मांग की थी। वहीं मार्च में पुलिस ने कलाबागान स्थित कबिको लिमिटेड में चोरी के मामले में एसएडी के एक समन्वयक सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित रूप से तीन लाख नकद और चार कंप्यूटर चुरा लिए थे।
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