Bangladesh BNP PR System: अगले साल फरवरी में चुनाव कराने से कोई नहीं रोक सकता है: बीएनपी

बीएनपी ने पीआर प्रणाली का विरोध किया, फरवरी 2025 में चुनाव होंगे
अगले साल फरवरी में चुनाव कराने से कोई नहीं रोक सकता है: बीएनपी

 

ढाका:  अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बांग्लादेश में राजनीतिक टकराव और गहराता जा रहा है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने शनिवार को कहा कि जो लोग आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली का समर्थन कर रहे हैं, उनके "गुप्त इरादे" हैं। पार्टी ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के संविधान में कहीं भी पीआर प्रणाली का उल्लेख नहीं है।

नेट्रोकोना जिला बीएनपी की त्रैवार्षिक परिषद के उद्घाटन पर बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा।

उनके बयान के मुताबिक, अगर चुनाव पीआर प्रणाली के तहत नहीं हुए तो वे बांग्लादेश में चुनाव नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, “आज मैं ऐलान कर रहा हूं कि राष्ट्रीय चुनाव अगले साल फरवरी के पहले पखवाड़े में, रमजान शुरू होने से पहले ही होंगे। कोई भी इसे रोक नहीं पाएगा।”

सलाहुद्दीन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा, “अनुच्छेद 65(2) में साफ लिखा है कि संसद के 300 सदस्य क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष रूप से चुने जाएंगे। कहीं भी पीआर प्रणाली का उल्लेख नहीं है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रामक बयान देकर चुनाव टालने या बाधित करने की कोशिश करने वाले जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “उम्मीदवार जनता के बीच पहुंच रहे हैं और लोग वोट देने को तैयार हैं। जो कोई भी चुनाव के खिलाफ बोलेगा, उसे जनता खारिज कर देगी।”

इस बीच, अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भी दोहराया कि चुनाव तय समय पर फरवरी के पहले पखवाड़े में ही होंगे और किसी भी ताकत से इन्हें रोका नहीं जा सकेगा।

उधर, शुक्रवार को जमात ने मुहम्मद यूनुस पर वादा तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि हाल ही में घोषित चुनावी रोडमैप स्वतंत्र चुनाव की राह को भटकाने की साजिश है। जमात नेता सैयद अब्दुल्ला मुहम्मद ताहेर ने कहा, “चुनाव आयोग ने गंभीर अपराध किया है कि उसने यह स्पष्ट किए बिना रोडमैप जारी कर दिया कि चुनाव पुरानी परंपरागत पद्धति से होंगे या प्रस्तावित पीआर प्रणाली से।”

उन्होंने चेतावनी दी, “हम इसे होने नहीं देंगे। हम सरकार और चुनाव आयोग को मजबूर करेंगे कि चुनाव जुलाई चार्टर रिफंड और पीआर के आधार पर ही कराए जाएं।”

गौरतलब है कि बीते साल हिंसक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग सरकार को हटाने के बाद से बांग्लादेश में अगले आम चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यूनुस के साथ मिलकर हसीना को हटाने वाली राजनीतिक पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और चुनाव की समयसीमा को लेकर आपस में ही टकराव के मूड में हैं।

 

 

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