अमेरिका-पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों पर ध्रुव जयशंकर ने बोले- यह भारत-यूएस संबंधों में बड़ी चुनौती

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन अमेरिका के कार्यकारी निदेशक ध्रुव जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव और यूएस और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाए हैं। ध्रुव जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व के साथ वाशिंगटन का फिर से जुड़ना भारत-अमेरिका रिश्तों में एक बड़ी चुनौती है।

ध्रुव जयशंकर ने हाउस फॉरेन अफेयर्स साउथ एंड सेंट्रल एशिया सब कमेटी की सुनवाई के दौरान अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर सवाल उठाए। इस प्रोग्राम का शीर्षक "द यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप: सिक्योरिंग ए फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक" था।

ध्रुव जयशंकर ने कहा, "भारत में दूसरी चुनौती पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व के साथ अमेरिका की हाल में बढ़ती नजदीकियों से जुड़ी है। भारत के खिलाफ आतंकवादियों को सश्रय देने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है। नतीजतन कई सालों से भारत का अनुभव यह है कि मध्यस्थों ने अक्सर पाकिस्तान के एडवेंचर में हिस्सा लिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "इसलिए अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच डी-हाइफनेशन की नीति अपनाई है। अमेरिका ने दोनों के साथ बातचीत की है लेकिन उनके झगड़ों में कम से कम शामिल रहा है। अगर व्यापार और पाकिस्तान पर मतभेदों को अमेरिका और भारत के बीच सफलतापूर्वक मैनेज किया जाता है तो भविष्य में सहयोग के लिए काफी प्रोग्रेस बाकी है।"

अमेरिका ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में माइनिंग गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए एक बड़े निवेश की घोषणा की है। बुधवार को अमेरिका एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ने रेको डिक क्रिटिकल मिनरल्स प्रोजेक्ट के विकास को समर्थन करने के लिए 1.25 बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद को मंजूरी दी। ऐसे में ध्रुव जयशंकर का ये बयान ट्रंप सरकार की नीतियों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।

हाल ही में पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अंतरिम चार्ज डी' अफेयर्स, नताली ए. बेकर ने कहा कि ट्रंप सरकार ने इस तरह के कमर्शियल समझौतों को अपने कूटनीतिक अप्रोच का सेंटर बनाया है।

उन्होंने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ने हाल ही में पाकिस्तान में रेको डिक में क्रिटिकल मिनरल्स की माइनिंग को सपोर्ट करने के लिए 1.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर की फाइनेंसिंग को मंजूरी दी है।"

—आईएएनएस

केके/वीसी

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