मिशिगन, 29 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के मिशिगन चर्च से गोलीबारी की घटना सामने आई। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को मिशिगन के ग्रैंड ब्लैंक में शख्स ने एक चर्च को निशाना बनाकर इमारत में आग लगा दी। इस घटना में कम से कम चार लोग मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए।
घटना रविवार तड़के (स्थानीय समयानुसार) डेट्रॉइट के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक छोटे से समुदाय, चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स में हुई।
पुलिस ने रविवार शाम बताया कि जले हुए चर्च के मलबे से दो और शव बरामद किए गए, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर दो हो गई।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रैंड ब्लैंक टाउनशिप के पुलिस प्रमुख विलियम रेने ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमलावर ने प्रार्थना सभा के दौरान पहले अपनी कार चर्च में घुसाई और असॉल्ट राइफल से वहां मौजूद लोगों के ऊपर गोलियां चला दीं।
पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार पूर्व अमेरिकी मरीन थॉमस जैकब सैनफोर्ड ने इस घटना को अंजाम दिया। हालांकि, पुलिस ने उसे जवाबी कार्रवाई में मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस के अनुसार, 40 साल का जैकब इराक में सेवारत एक पूर्व सैनिक था। पुलिस प्रमुख विलियम रेने ने कहा कि टीम हमलावर के घर और फोन रिकॉर्ड की जांच करेगी ताकि इस घटना को अंजाम देने के पीछे के मकसद का पता लगाया जा सके।
इससे पहले, स्थानीय पुलिस ने एक बयान में कहा था कि गोलीबारी में कई लोग घायल हुए हैं और पूरा चर्च आग की चपेट में आ गया। पुलिस ने लोगों से उस इलाके से दूर रहने की अपील की है क्योंकि इमरजेंसी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। गोलीबारी और आगजनी में घायल बच्चों समेत अन्य लोगों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में पहुंचाया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें इस भयावह चर्च गोलीबारी की जानकारी दी गई। यह गोलीबारी संयुक्त राज्य अमेरिका में ईसाइयों पर एक और लक्षित हमला प्रतीत होता है और एफबीआई घटनास्थल पर मौजूद है। हमारे देश में हिंसा की इस महामारी को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।
मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "ग्रैंड ब्लैंक समुदाय के लिए मेरा दिल टूट रहा है। कहीं भी, खासकर किसी पूजा स्थल पर हिंसा अस्वीकार्य है।"
--आईएएनएस
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