310 से अधिक दक्षिण कोरियाई नागरिकों को अमेरिका ने एक सप्ताह बाद किया रिहा

वाशिंगटन, 11 सितंबर (आईएएनएस)। पिछले सप्ताह अमेरिका की आव्रजन कार्रवाई में हिरासत में लिए गए सैकड़ों दक्षिण कोरियाई श्रमिकों को गुरुवार तड़के रिहा कर दिया गया। इसके साथ ही सोल का अपने नागरिकों की सामूहिक हिरासत को समाप्त करने के लिए सप्ताह भर से चलाए जा रहे कूटनीतिक प्रयास का समापन हो गया।

सवाना के पास ब्रायन काउंटी में हुंडई मोटर ग्रुप और एलजी एनर्जी सॉल्यूशन के संयुक्त उद्यम द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी प्लांट निर्माण स्थल पर छापेमारी में गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद, कुल 316 कोरियाई नागरिक जॉर्जिया के फोल्कस्टन स्थित एक हिरासत केंद्र से बाहर आ गए।

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक, 14 विदेशियों के साथ, ये कोरियाई नागरिक अटलांटा के हार्ट्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए लगभग साढ़े चार घंटे की बस यात्रा करेंगे, जहां से वे निर्वासन के बजाय वॉलेंट्री डिपार्चर यानी स्वैच्छिक प्रस्थान के तहत एक चार्टर्ड कोरियन एयर विमान से स्वदेश लौटेंगे।

श्रमिकों को ले जाने वाली बसें केंद्र से निकलकर हवाई अड्डे की ओर जा रही हैं।

विमान के दोपहर (स्थानीय समय) में उड़ान भरने और शुक्रवार को कोरिया पहुंचने की उम्मीद है।

सोल के अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उन्हें अमेरिका में ही रहने के लिए प्रोत्साहित करने के कारण कर्मचारियों की रिहाई तय समय से एक दिन बाद हुई। उनका प्रशासन अमेरिका के जहाज निर्माण, चिप निर्माण, ऑटोमोटिव और अन्य उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए कोरियाई कंपनियों के साथ अधिक सहयोग चाहता है।

कोरियाई लोगों सहित कुल 475 लोगों को ईवी बैटरी निर्माण स्थल पर गिरफ्तार किया गया - जिसे दोनों देशों के आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख उदाहरण माना जाता है - जिसे आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के अधिकारियों ने "होमलैंड सुरक्षा जांच के इतिहास में सबसे बड़ा एकल स्थल प्रवर्तन अभियान" करार दिया।

आईसीई ने कहा कि ये लोग अमेरिका में अवैध रूप से काम करते पाए गए, जिनमें वो लोग भी शामिल हैं जो अल्पकालिक या रीक्रियेशनल (घूमने फिरने की मंशा से) वीजा पर थे। बताया जाता है कि अधिकांश कोरियाई कर्मचारी बी-1 अस्थायी विजिटर वीजा या वीजा वेवर प्रोग्राम (वीजा में छूट) पर थे।

वाशिंगटन स्थित कोरियाई दूतावास में महावाणिज्य दूत चो की-जोंग के नेतृत्व में, एक ऑन-साइट सहायता टीम ने कोरियाई लोगों को कांसुलर सहायता प्रदान की, जबकि विदेश मंत्री चो ह्यून सहित अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनकी शीघ्र रिहाई और सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिए।

कर्मचारियों के साथ-साथ उनके नियोक्ता भी इस छापेमारी से स्तब्ध रह गए क्योंकि इसने उनके लंबे समय से चले आ रहे उस भरोसे को चुनौती दी जो अमेरिका और उनके देश के आपसी सहयोग पर आधारित थी।

इस कार्रवाई से द्विपक्षीय संबंधों पर दबाव पड़ने की आशंका थी क्योंकि हथकड़ी और धातु की जंजीरों से बंधे कोरियाई लोगों के आईसीई वीडियो फुटेज ने दक्षिण कोरिया में सदमे, रोष, घबराहट और यहां तक कि विश्वासघात की भावना पैदा कर दी थी, और इस बात पर सवाल खड़े कर दिए थे कि क्या कोरियाई उद्यम अमेरिका में स्थिर रूप से व्यापार कर सकते हैं।

दक्षिण कोरिया में पूर्व कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रॉब रैपसन ने योनहाप समाचार एजेंसी को ईमेल के माध्यम से बताया, "यह घटना कोरिया और उसके बाहर एक विश्वसनीय और भरोसेमंद साझेदार या सहयोगी के रूप में अमेरिका की समग्र विश्वसनीयता पर एक और सीधा प्रहार है।"

यह छापा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग और ट्रंप द्वारा जुलाई के अंत में व्हाइट हाउस में आमने-सामने की शिखर वार्ता के दौरान एक फ्रेमवर्क ट्रेड डील के बाद व्यक्तिगत संबंध बनाने की कोशिश के ठीक 10 दिन बाद पड़ा है। इस समझौते के तहत कोरिया ने अमेरिका में 350 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि कोरियाई कामगारों की हिरासत में एक सकारात्मक पहलू हो सकता है। इसने कोरियाई व्यवसायों के लिए लंबे समय से चली आ रही वीजा समस्या को सामने ला दिया है, जो अपने कुशल कामगारों को अमेरिका में तैनात करने के लिए स्थिर रास्ते खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सोल के कुछ अधिकारियों के अनुसार, "अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ अपनी बातचीत के दौरान, विदेश मंत्री चो ने कोरियाई कामगारों के लिए एक नई वीजा श्रेणी के निर्माण पर चर्चा के लिए एक कार्य समूह गठित करने का प्रस्ताव रखा - एक ऐसा प्रस्ताव जिसके बारे में रुबियो ने कहा कि वह "सक्रिय रूप से समीक्षा" करेंगे।"

चो ने अमेरिकी पक्ष से यह आश्वासन भी लिया कि छापेमारी में हिरासत में लिए गए कोरियाई कामगारों को अमेरिका में उनके पुनः प्रवेश पर प्रतिबंध जैसी किसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़ेगा।

एक हफ्ते तक चली नजरबंदी ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के मन पर गहरा असर डाला है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान उन्होंने कहा, "एक राष्ट्रपति के रूप में, मैं खुद को इस विपरीत स्थिति का जिम्मेदार मानता हूं क्योंकि अपने नागरिकों की सुरक्षा की सर्वोच्च जिम्मेदारी मेरी है।"

आलोचकों का कहना है कि इस छापेमारी ने ट्रंप की नीति के विरोधाभासी पहलू को और उजागर कर दिया है, जिसमें विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल किया गया है, जबकि एक कठोर आव्रजन नीति अपनाई गई है, जिससे उन विदेशी कामगारों में डर पैदा हो रहा है जिनकी इन निवेश परियोजनाओं को चलाने के लिए जरूरत है।

आव्रजन दमन की आलोचना को ध्यान में रखते हुए, ट्रंप ने रविवार को संकेत दिया कि वह अमेरिका में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों को "बेहतरीन तकनीकी प्रतिभा" वाले अपने "स्मार्ट" लोगों को अमेरिका में लाने और अमेरिकी कामगारों को नियुक्त करने और प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए कानूनी तरीके तलाशने के लिए तैयार हैं।

--आईएएनएस

केआर/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...