अहमदाबाद, 12 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात कैबिनेट ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को दो प्रमुख किसान-केंद्रित कृषि राहत पैकेजों की घोषणा और राष्ट्रीय स्तर पर जल प्रबंधन में राज्य की उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी। गांधीनगर में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जीतू वघानी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहले बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए 947 करोड़ रुपए और 10,000 करोड़ रुपए के दो महत्वपूर्ण राहत पैकेज की घोषणा की थी।
उन्होंने बताया कि 90 करोड़ रुपए के अतिरिक्त आवंटन के साथ दोनों पैकेजों के तहत कुल सहायता अब 11,137 करोड़ रुपए हो गई है। वघानी ने कहा कि कैबिनेट ने गुजरात के किसानों की ओर से फसल नुकसान से उबरने में मदद करने के उद्देश्य से इस संवेदनशील और उदार पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में भी गुजरात ने जल संरक्षण श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त करते हुए गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।
अन्य पुरस्कारों के अलावा बनास डेयरी ने सिविल सोसाइटी श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया, आईआईटी-गांधीनगर को इनसाइड कैंपस श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और भावनगर नगर निगम ने शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
मंत्रिमंडल ने उन सभी संस्थानों और व्यक्तियों को बधाई देते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिनके योगदान से राज्य को यह राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ।
मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे सोमवार और मंगलवार को विशेष रूप से जन शिकायतों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अभ्यावेदन सुनने के लिए आरक्षित रखें।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने निर्देश दिया है कि इन दो दिनों में मंत्री अन्य बैठकों या कार्यक्रमों में भाग लेने के बजाय नागरिकों की समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से सुनने और प्रभावी निवारण सुनिश्चित करने के लिए पूरे दिन अपने कार्यालयों में उपस्थित रहें।
इसके अलावा, उन्होंने सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों का दौरा करने, स्थानीय प्रशासन के साथ समीक्षा बैठकें करने और प्रमुख प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने को कहा है।
मंत्रियों को अपने जिलों में सड़कों की स्थिति का आकलन करने, 30 नवंबर तक संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें करने और विस्तृत स्थिति रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और सख्त निगरानी उपायों के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घटिया काम के किसी भी मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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