ग्रेटर नोएडा, 19 जुलाई (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रा की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छात्रा की मौत के बाद गुस्साए परिजनों और छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में हंगामा किया और यूनिवर्सिटी के एक मुख्य द्वार को बंद कर दिया।
परिजन कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे और पुलिस को मौके पर भारी संख्या में तैनात करना पड़ा। शारदा यूनिवर्सिटी प्रशासन, पुलिस अधिकारियों और परिजनों के बीच लंबी वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद निर्णय लिया गया कि सुसाइड नोट में नामित दो शिक्षकों, महेंद्र सर और डॉ. श्रेया, को जेल भेजने के बाद अब अन्य तीन शिक्षकों की भी जांच की जाएगी।
इन शिक्षकों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है और आरोप है कि छात्रा को मानसिक उत्पीड़न और बेइज्जती का सामना करना पड़ा था। जांच के लिए पांच दिनों का समय तय किया गया है। इस घटना पर समाजवादी पार्टी का छात्र संगठन भी सक्रिय हो गया है। सपा छात्र संघ के जिला अध्यक्ष और प्रदेश सचिव मौके पर पहुंचे और ऐलान किया कि यदि पांच दिनों में निष्पक्ष रिपोर्ट सामने नहीं आई तो यूनिवर्सिटी का गेट पूरी तरह से बंद कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हम छात्रा को न्याय दिलाकर रहेंगे।" सपा छात्र संघ की ओर से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है, जिसमें छात्र अपनी शिकायतें साझा कर सकेंगे। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे फैकल्टी मेंबर के खिलाफ उत्पीड़न और व्यवहार से जुड़ी समस्याओं को दर्ज कर सकेंगे।
इस बीच, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सुसाइड नोट और परिजनों के आरोपों के आधार पर संबंधित शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही, एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है जो पूरे मामले की गंभीरता से जांच करेगी।
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