दांतों में तेज झनझनाहट और दर्द, इन घरेलू नुस्खों से मिलेगा छुटकारा

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। दांतों का दर्द उन परेशानियों में से है, जो भले दिखाई न दे, लेकिन परेशानी बढ़ा देता है। खाना खाते वक्त झनझनाहट, ठंडा-गर्म का एहसास, या काम के बीच अचानक चुभन, ये सब मिलकर दिनचर्या पर प्रभाव डालते हैं। आयुर्वेद मानता है कि दांतों का स्वास्थ्य सिर्फ मुंह तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे शरीर की 'अग्नि' और 'वात-पित्त-कफ' के संतुलन से जुड़ा है।

वहीं आधुनिक विज्ञान कहता है कि बैक्टीरिया, इंफेक्शन, मसूड़ों की सूजन और इनेमल डैमेज दांत दर्द के मुख्य कारक होते हैं। अगर घर में ही मौजूद कई चीजों का इस्तेमाल किया जाए, तो दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

लौंग का तेल: दांत दर्द के घरेलू उपचारों में लौंग का तेल फर्स्ट एड की तरह काम करता है। आयुर्वेद में इसे दांत के दर्द कम करने वाली औषधि कहा गया है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल दांत की नसों पर हल्की सुन्नता लाकर दर्द की तीव्रता को घटाता है। जब इसे रुई में लगाकर प्रभावित हिस्से पर रखा जाता है, तो यह मसूड़ों में सूजन फैलाने वाले एंजाइम को शांत करता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि यूजेनॉल बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है, जिससे इंफेक्शन फैलने की संभावना कम होती है और दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है।

नमक का पानी: दांत के दर्द में नमक के पानी से कुल्ला करना बेहद प्रभावी प्रक्रिया है। गुनगुना नमक वाला पानी दांतों और मसूड़ों के अंदर मौजूद सूक्ष्म जीवों पर ऑस्मोटिक प्रेशर बनाता है, जिससे बैक्टीरिया डिहाइड्रेट होकर कमजोर पड़ते हैं। इसके साथ यह मसूड़ों की सतह पर जमा गंदगी और प्लाक को ढीला करता है, जिससे दर्द पैदा करने वाली जलन कम होती है। यह कुल्ला मसूड़ों के ऊतकों में रक्त प्रवाह बढ़ाकर हीलिंग भी तेज करता है, जिससे शुरुआती सूजन में काफी राहत मिलती है।

लहसुन का पेस्ट: दांत दर्द में लहसुन का पेस्ट तेजी से असर करता है। लहसुन की एक कली को पीसने पर उसमें मौजूद एलिसिन सक्रिय हो जाता है, जो बैक्टीरिया की सेल वॉल को तोड़कर उन्हें निष्क्रिय करता है। यह प्रक्रिया दर्द को फैलने से रोकती है और पहले से मौजूद सूजन को भी कम करती है। जब यह पेस्ट दर्द वाली जगह पर लगता है, तो इसकी गर्म प्रकृति वहां के रक्त संचार को बढ़ाती है और नसों में तनाव को कम करती है।

प्याज का रस: दांत दर्द में प्याज का रस अप्रत्याशित रूप से मददगार है। प्याज में सल्फर कंपाउंड्स होते हैं, जो मुंह में मौजूद हानिकारक माइक्रोब्स के चक्र को रोकते हैं। जब ताजा प्याज का छोटा टुकड़ा धीरे-धीरे चबाया जाता है, तो उसका रस दांतों की जड़ों तक पहुंचकर वहां मौजूद संक्रमण के स्तर को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया दर्द को बढ़ाने वाले केमिकल्स को शांत करती है और मसूड़ों की अंदरूनी सूजन को कम करती है।

गुड़हल की पत्तियां: दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचारों में गुड़हल की पत्तियों का भी जिक्र है। ये पत्तियां मसूड़ों की लालिमा और इंफेक्शन को कम करने में मदद करती हैं क्योंकि इनमें प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। जब पत्तियों का पेस्ट मसूड़ों पर लगता है, तो यह उनकी सूजन को शांत करता है और ऊतकों को नरमी देकर हीलिंग प्रोसेस को तेज करता है।

हल्दी का पेस्ट: दांतों की सूजन में विशेष रूप से हल्दी के पेस्ट को लाभकारी माना गया है। हल्दी का करक्यूमिन मसूड़ों में मौजूद इंफ्लेमेटरी प्रोटीन को ब्लॉक करता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। यह पेस्ट जब प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है, तो यह दर्द, गर्मी और जलन को एक साथ काम करता है, जिससे कुछ ही मिनटों में आराम महसूस होने लगता है।

--आईएएनएस

पीके/एएस

Related posts

Loading...

More from author

Loading...