मुंबई: साउथ इंडियन सिनेमा में विनय राय एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपनी फिल्मी शुरुआत एक रोमांटिक हीरो के तौर पर की थी। उनकी मासूमियत और आकर्षक लुक्स ने उन्हें दर्शकों के बीच जल्दी ही पहचान दिलाई, लेकिन वक्त के साथ-साथ विनय ने अपनी छवि को बदलते हुए खुद को एक बहुमुखी कलाकार साबित किया।
खासतौर पर विलेन के किरदारों में विनय ने खुद को ऐसा ढाला कि लोग उनके अभिनय के कायल हो गए। चाहे वह एंटी-हीरो की भूमिका हो या ग्रे-शेड वाला नेगेटिव कैरेक्टर, विनय राय ने हर बार यह साबित किया है कि उनके लिए अभिनय सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जुनून है।
आज वे उन चुनिंदा एक्टर्स में गिने जाते हैं जो अपनी स्क्रीन प्रेजेंस और दमदार परफॉर्मेंस से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ते हैं।
18 सितंबर 1979 को जन्में विनय राय ने निर्देशक जीवा की फिल्म उन्नाले उन्नाले से साल 2007 में डेब्यू किया था। इसके बाद वो कई हिट फिल्मों में दिखाई दिए। उन्हें ‘आईडेंटिटी’, ‘डॉक्टर’, ‘हनुमैन’, ‘कधलिक्का नेरामिल्लई’, ‘ईगल’, और ‘गांडीवधारी अर्जुन’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। विनय ने अपने करियर की शुरुआत तो एक रोमांटिक हीरो वाली मूवी से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी इसी छवि को तोड़ने के लिए एक ऐसा फैसला लिया, जिसने उनके करियर को एक नया मोड़ दिया।
विनय ने विलेन यानी पर्दे पर खलनायक बनने का फैसला किया। इससे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा भी है, जिसके बारे में एक इंटरव्यू में एक्टर ने खुद बताया था। यह किस्सा सिर्फ एक रोल बदलने का नहीं है, बल्कि एक कलाकार की उस जिद और जज्बे का है, जिसने दर्द को भी अपनी सफलता की सीढ़ी बना लिया।
दरअसल, विनय राय खुद को एक ही तरह के किरदार में कैद नहीं रखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया कि वह अब विलेन की भूमिकाएं निभाएंगे और इसी फैसले ने उन्हें निर्देशक मिसस्किन की फिल्म 'थुप्परीवलन' में विलेन का किरदार दिलाया। यह किरदार उनके लिए सिर्फ एक एक्टिंग चुनाव नहीं था, बल्कि एक फिजिकल चैलेंज भी बन गया था।
फिल्म की शूटिंग से ठीक पहले विनय को रग्बी खेलते हुए एक गंभीर चोट लग गई थी। उनके कंधे में इतना दर्द था कि वे अपना बायां हाथ मुश्किल से उठा पाते थे। फिल्म में एक बहुत मारधाड़वाला एक्शन सीन की शूटिंग होनी थी। विनय को पता था कि यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वे इसे छोड़ना नहीं चाहते थे। दर्द के बावजूद, उन्होंने शूटिंग जारी रखने का फैसला किया। पूरी शूटिंग के दौरान, एक फिजियोथेरेपिस्ट उनके साथ मौजूद रहते थे, जो उन्हें बार-बार दर्द से राहत देने के लिए उपचार करते थे।
विनय ने कई इंटरव्यू में बताया कि इस किरदार को निभाने के बाद उन्हें एक नई आजादी महसूस हुई। जहां एक हीरो को अपनी छवि का ख्याल रखना पड़ता है, वहीं विलेन के किरदार में उन्हें खुलकर काम करने का मौका मिला। उन्हें महसूस हुआ कि नेगेटिव रोल में एक्टिंग के लिए अधिक रूम होता है और यह उन्हें एक कलाकार के रूप में अधिक खुशी देता है।
'थुप्परीवलन' में विनय राय ने जो दर्द सहा, वह उनके करियर में एक नए अध्याय की शुरुआत का कारण बना।