दया भावना इंसान को कैसे बदल देती है? आशिकी फेम अनु अग्रवाल ने बताया अपना अनुभव

मुंबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्म 'आशिकी' से अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री अनु अग्रवाल हमेशा से अपनी सादगी, गहरी सोच और बेबाक बातों के लिए जानी जाती रही हैं। समय के साथ उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इन अनुभवों ने उन्हें भीतर से और भी मजबूत बनाया।

आज अनु सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि लोगों को मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने वाली एक प्रेरणादायी शख्सियत भी हैं। इस बीच उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया।

अनु अग्रवाल ने बताया कि कैसे दया भावना उनके लिए ताकत का स्रोत बनी और इससे उन्हें मन की शांति मिली। साथ ही बताया कि कैसे यह भावना उन्हें अंदर से साफ और हल्का महसूस कराती है।

उन्होंने शुक्रवार को एक सेल्फी पोस्ट की और एक लंबा नोट भी शेयर किया, जिसमें लिखा, ''मैंने अपने फाउंडेशन की शुरुआत दया भावना को केंद्र में रखकर की। जब यह काम शुरू हुआ, तब मेरा मकसद सिर्फ लोगों की मदद करना नहीं था, बल्कि यह समझना भी था कि कैसे दया भावना इंसानों को जोड़ सकती है और उन्हें बदल सकती है।''

उन्होंने लिखा, ''जब दुनिया में दया कम हो जाती है, तो लोग 'मैं' और 'तुम' में बंट जाते हैं। इसी दूरी से लड़ाइयां, हिंसा और संघर्ष पैदा होते हैं, लेकिन जब मैंने अपने काम में दया की भावना को आधार बनाया, तो मैंने महसूस किया कि मैं सभी को बिना किसी भेदभाव के स्वीकार करने लगीं। जो प्यार मैं दूसरों को दे रही थी, वही प्यार मेरे पास लौटकर आ भी रहा था। इस दया की भावना ने मुझे अंदरूनी तौर पर ठीक किया।''

अनु ने कहा कि दया से भरी दुनिया ही शांतिपूर्ण दुनिया है और वह इसी भविष्य के लिए काम करना चाहती हैं।

करियर की बात करें तो अनु अग्रवाल ने 'आशिकी' जैसी सुपरहिट फिल्म से दर्शकों का दिल जीत लिया था। फिल्म में उनकी भूमिका आज भी याद की जाती है। इसके बाद उन्होंने 'खलनायिका', 'द क्लाउड डोर', और 'थिरुदा थिरुदा' जैसी फिल्मों में भी अहम किरदार निभाए। फिल्मों के साथ-साथ उनका व्यक्तिगत सफर, उनकी आध्यात्मिकता और समाज के लिए किए गए प्रयास उन्हें एक अलग ही पहचान देते हैं।

--आईएएनएस

पीके/वीसी

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