मुंबई, 7 अगस्त (आईएएनएस)। मशहूर अभिनेता दिलीप ताहिल ने फिल्म उद्योग में 45 साल पूरे कर लिए हैं। इस लंबे सफर में उन्होंने सिनेमा के बदलते रूप को करीब से देखा है। दिलीप ने बताया कि जब उन्होंने करियर शुरू किया था, तब केवल सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघर हुआ करते थे और काम पाना आसान नहीं था। लेकिन आज ओटीटी प्लेटफॉर्म, टेलीविजन और मल्टीप्लेक्स के आने से कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के लिए अवसर बढ़ गए हैं।
अभिनेता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "आज के समय में मौके ज्यादा हैं, लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि आप इस इंडस्ट्री में क्यों आना चाहते हैं। अगर आपका सपना है स्टार बनना, पैसा कमाना या बड़ा घर लेना, तो उसमें कोई गलत बात नहीं है। लेकिन एक बात हमेशा याद रखना कि एक स्टार बनने से पहले एक अच्छा एक्टर बनना जरूरी है।"
जब बातचीत में दिलीप से पूछा गया, "आपको अपना कौन-सा किरदार सबसे ज्यादा पसंद है?" उन्होंने कहा कि मैंने कई तरह के रोल किए हैं और हर किरदार ने मुझे एक बेहतर एक्टर बनने में मदद की है।
उन्होंने कहा, "मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतनी अच्छी फिल्मों में काम करने का मौका मिला।"
दिलीप ने बताया, "मेरी पहली सुपरहिट फिल्म थी 'माई डियर कुट्टीचथन,' जो मलयालम में भारत की पहली 3डी फिल्म थी। इसके बाद 'आज की आवाज,' 'कयामत से कयामत तक,' 'बाजीगर,' 'हम हैं राही प्यार के,' 'कहो ना… प्यार है,' 'मिशन मंगल,' और हाल की वेब सीरीज 'स्पेशल ऑप्स 2' और 'द फैमिली मैन' जैसी फिल्में और सीरीज आए।"
उन्होंने कहा, "मैं किसी एक रोल को सबसे खास नहीं कह सकता, क्योंकि मेरे करियर में मैंने कई बेहतरीन प्रोजेक्ट्स और टैलेंटेड लोगों के साथ काम किया है।"
लेटेस्ट ओटीटी सीरीज 'स्पेशल ऑप्स 2' के बारे में बात करते हुए दिलीप ताहिल ने कहा, "नीरज पांडे के साथ काम करना मेरे लिए एक सौभाग्य की बात है। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं।"
उन्होंने बताया, "पहले नीरज ने मुझे 'स्पेशल ऑप्स' के पहले सीजन के लिए अप्रोच किया था, लेकिन वो रोल किसी वजह से नहीं हो पाया। फिर सीजन 2 में उन्होंने मुझे एक जटिल (थोड़ा मुश्किल) किरदार ऑफर किया। मैंने नीरज के विजन पर भरोसा किया और जैसा उन्होंने बताया, वैसे ही उस रोल को निभाया।"
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