नई दिल्ली: तेलुगु सिनेमा से एक बुरी खबर सामने आ रही है। अपने बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग के लिए मशहूर एक्टर फिश वेंकट का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से साउथ इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। 53 साल की उम्र में उन्होंने हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह कई महीनों से किडनी और लिवर संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे। लगातार डायलिसिस और शारीरिक कमजोरी के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
तेलंगाना युवा कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम से जुड़े मो. उमर फारूक कुरैशी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ''फिश वेंकट (53) का निधन डायलिसिस के दौरान हो गया। उन्होंने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करे।''
फिश वेंकट उन चुनिंदा कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने अपनी अलग पहचान हास्य भूमिकाओं से बनाई। उन्होंने फिल्मों में न सिर्फ कॉमेडी की, बल्कि कई बार विलेन की भूमिका में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 'गब्बर सिंह', 'डीजे टिल्लू', 'बनी', 'आदी', 'अधूर', 'खुशी', 'नरकासुर', 'स्लम डॉग हसबैंड', और 'कॉफी विद अ किलर' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। वह पवन कल्याण, अल्लू अर्जुन, रवि तेजा, और नागार्जुन जैसे दिग्गज सितारों के साथ भी नजर आए थे।
उनका असली नाम मंगलमपल्ली वेंकटेश है। अलग तेलंगाना लहजा बोलने के चलते उन्हें फिश वेंकट कहा जाता है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग्स ने उन्हें बाकी कलाकारों से अलग पहचान दिलाई। उनकी तुलना जाने-माने अभिनेता रामी रेड्डी से की जाती है, क्योंकि दोनों का चेहरा काफी हद तक मिलता-जुलता है। उन्होंने सिनेमा को सिर्फ एक मंच नहीं, बल्कि लोगों को हंसाने, सोचने और जीवन से जुड़ने का एक माध्यम बनाया।
वेंकट के परिवार को उनके इलाज के लिए भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उनकी बेटी श्रावंती ने इलाज के लिए 50 लाख रुपये की मदद की सार्वजनिक अपील की थी। उनके इस मुश्किल वक्त में बाहुबली स्टार प्रभास उनकी मदद को आगे आए थे और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 50 लाख रुपये की मदद देने का वादा किया था।