सोनाली बेंद्रे ने दिसंबर के लिए साझा की अपनी किताबों की लिस्ट, कहा- 'रहस्यभरी कहानी पढ़ना अलग ही रोमांच देता है'

मुंबई, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने किताबों से अपने जुड़ाव के बारे में बात की। वह अक्सर सोशल मीडिया के जरिए अपने फॉलोअर्स को पढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती हैं और समय-समय पर अपनी पसंदीदा किताबों की सिफारिश भी करती हैं। उनका मानना है कि किताबें इंसान को सुकून, सोच और कल्पना की एक नई दुनिया में ले जाती हैं।

इस कड़ी में उन्होंने रविवार को दिसंबर महीने के लिए अपनी खास बुक लिस्ट साझा की, जिसे उन्होंने एक उत्सव की तरह पेश किया है।

सोनाली बेंद्रे ने दिसंबर के लिए अपनी किताबों की इस लिस्ट को 'एसबीसी बुक ऑफ द मंथ : दिसंबर एडिशन' नाम दिया। इस बार उन्होंने तीन किताबों को चुना है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अच्छी कहानियों, रहस्य, भावनाओं और जादू से भरी दुनिया के साथ साल को अलविदा कहें।

सोनाली ने बताया कि इन किताबों पर ऑनलाइन डिस्कशन आयोजित की जाएगी, जिसमें पाठक अपनी पसंद के अनुसार हिस्सा ले सकते हैं।

सोनाली ने पहली किताब मशहूर लेखिका अगाथा क्रिस्टी की 'हरक्यूल पोयरोट क्रिसमस' सुझाई। यह किताब एक रहस्यमयी मर्डर स्टोरी है, जो बर्फ से ढके क्रिसमस के माहौल में आगे बढ़ती है। इसमें अगाथा क्रिस्टी के लोकप्रिय जासूस हरक्यूल पोयरोट तेज दिमाग और सूझबूझ से एक उलझे हुए अपराध के केस को सुलझाते हैं।

सोनाली के अनुसार, सर्दियों और क्रिसमस के मौसम में इस तरह की रहस्यभरी कहानी पढ़ना अलग ही रोमांच देता है।

दूसरी किताब 'वी डू नॉट पार्ट' कोरियाई लेखिका हान कांग की रचना है। सोनाली ने इस किताब को भावनात्मक और गहराई से भरी हुई कहानी बताया। यह किताब दोस्ती, यादों और कोरिया के इतिहास के एक भूले-बिसरे अध्याय को छूती है। कहानी सपनों जैसी लगती है, लेकिन इसके भीतर छिपे दर्द और सच्चाई पाठक को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।

सोनाली का कहना है कि यह किताब उन लोगों के लिए है जो गंभीर और संवेदनशील विषयों को पढ़ना पसंद करते हैं।

तीसरी किताब 'द वुड एट मिडविन्टर' लेखिका सुजाना क्लार्क की है, जो अपनी कल्पनाशील लेखन शैली के लिए जानी जाती हैं। इस किताब को सोनाली ने एक जादुई सर्दियों की कहानी बताया है, जिसमें जंगल, रहस्यमय जीव और चित्रों से सजी एक अनोखी दुनिया दिखाई देती है। यह कहानी कल्पना और रहस्य से भरी है।

सोनाली बेंद्रे ने बताया कि इन तीनों किताबों के लिए अलग-अलग ऑनलाइन टेक्स्ट आधारित चर्चाएं होंगी। पाठक चाहें तो एक किताब पढ़कर चर्चा में शामिल हो सकते हैं या फिर तीनों किताबें पढ़कर पूरे अनुभव का हिस्सा बन सकते हैं।

सोनाली का मानना है कि पढ़ने की आदत लोगों को जोड़ती है और सोच को व्यापक बनाती है।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

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