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मुंबई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्म इंडस्ट्री में कई बार किसी फिल्म को बनाने की मेहनत और जद्दोजहद के किस्से सुनने को मिलते हैं। लेकिन, निर्देशक और अभिनेता संकागिरी राजकुमार ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो शायद ही किसी ने पहले किया हो। राजकुमार ने अपनी नई साइंस फिक्शन फिल्म 'वन' पूरी तरह अकेले बनाई है।
इस फिल्म को बनाने में उन्होंने किसी भी अन्य व्यक्ति की मदद नहीं ली। कहानी लिखने से लेकर अभिनय, निर्देशन, शूटिंग, एडिटिंग और यहां तक कि कैमरा क्रेन चलाने तक, हर काम उन्होंने खुद किया।
राजकुमार ने इससे पहले फिल्म 'वेंगायम' बनाई थी, जिसे आलोचकों ने काफी सराहा था। अब उन्होंने 'वन' के जरिए खुद को फिर से चुनौती दी और साबित कर दिया कि अगर मेहनत और जुनून हो, तो असंभव सा काम भी संभव हो सकता है।
जब आईएएनएस ने उनसे पूछा कि यह फिल्म बनाने में कितना समय लगा, तो उन्होंने बताया कि इस फिल्म को बनाने में छह साल का समय लगा। इस लंबी यात्रा में उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव भी झेलना पड़ा। जब फिल्म लगभग 75-80 प्रतिशत पूरी हो गई थी, तो वह इतने दबाव में आ गए कि उन्हें डिप्रेशन होने लगा।
राजकुमार ने कहा, ''फिल्म बनाने के दौरान मुझे डेटा कहां स्टोर करना है, कॉस्ट्यूम और लोकेशन कैसे मैनेज करनी हैं, और कहानी की निरंतरता कैसे रखी जाए जैसी कई चीजों पर ध्यान देना पड़ रहा था। यह सोचकर ही मैं थक जाता था। ऐसे में मैंने फैसला लिया कि मुझे थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए और अपने आप को रिफ्रेश करने के लिए किसी और चीज पर ध्यान देना चाहिए।''
इसी ब्रेक के दौरान राजकुमार ने एक और फिल्म 'बायोस्कोप' बनाई, जिसमें कोई ग्राफिक्स और तकनीकी चीजें नहीं थीं। 'बायोस्कोप' को उन्होंने परिवार और दोस्तों की मदद से बनाया। यह फिल्म उनकी पहली फिल्म 'वेंगायम' के निर्माण की कहानी बताती है और इसे बनाना उनके लिए मजेदार अनुभव साबित हुआ। इस फिल्म के बाद राजकुमार ने अपने हौसले और ऊर्जा को फिर से महसूस किया और पूरी तरह तैयार होकर 'वन' की शूटिंग को खत्म किया।
राजकुमार ने कहा, '''वन' एक साइंस फिक्शन फिल्म है। इसमें कुल 20 मुख्य किरदार हैं, जिन्हें मैंने खुद निभाया है। इसके लिए मैंने लगभग 70 विभागों में काम किया। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि फिल्म बनाने के सिर्फ 24 मुख्य काम होते हैं, जैसे निर्देशन, लेखन, शूटिंग, एडिटिंग और संगीत। लेकिन, हर मुख्य काम के कई छोटे-छोटे विभाग होते हैं, जिनमें उन्हें काम करना पड़ा। इसमें कहानी लिखना, मेकअप, कॉस्ट्यूम, लोकेशन मैनेजमेंट, कैमरा, लाइटिंग, ग्राफिक्स, एनिमेशन, 3डी मॉडलिंग, टेक्सचर, कलर करेक्शन, एडिटिंग, डबिंग और संगीत जैसी चीजें शामिल हैं।''
--आईएएनएस
पीके/एबीएम