लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश का संभल अब फिल्मों के जरिए अपनी कहानी खुद बताने वाला है। संभल पर एक बड़ी फिल्म बनने जा रही है, जो वहां के इतिहास के अनसुने सच को सामने लाएगी। फिल्म में न केवल पुराने जमाने के विवाद दिखाए जाएंगे, बल्कि वर्तमान समय के प्रशासनिक बदलावों को भी दर्शाया जाएगा।
फिल्म का नाम 'कल्कि संभल ग्रामस्य' है, जिसे इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमएमपीए) ने आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी है। निर्माता अमित जानी ने बताया कि यह फिल्म संभल के इतिहास के उन पहलुओं को उजागर करेगी, जो अब तक छुपे हुए थे या जिन पर बोलने से लोग कतराते थे।
फिल्म में 1978 के दंगों की दर्दनाक कहानी दिखाई जाएगी, जिसमें कई निर्दोषों की जानें गई थीं और हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए थे। इस घटना का असर संभल के समाज पर बहुत गहरा पड़ा। फिल्म में उन पलों को बारीकी से पेश किया जाएगा, जब लोगों ने अपनी जमीनें छोड़ दी और नए सिरे से जीवन शुरू करने की कोशिश कर रहे थे।
साथ ही, फिल्म में हरिहर मंदिर का मुकदमा और बड़ी मस्जिद का सर्वे भी दिखाया जाएगा, जो संभल की सांप्रदायिक घटनाओं का हिस्सा रहे हैं।
फिल्म की कहानी सिर्फ पुराने विवादों तक सीमित नहीं है। इसमें योगी सरकार के दौरान संभल में हुए प्रशासनिक बदलावों को भी प्रमुखता से दिखाया जाएगा। इन बदलावों में पुलिस और प्रशासन की सख्ती, माफियाओं पर लगाम, और शहर के पुनर्विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयासों को दिखाया जाएगा।
अमित जानी ने बताया कि फिल्म में तत्कालीन एसएसपी कृष्ण बिश्नोई और डीएम राजेंद्र पेंसिया की भूमिका निभाने के लिए बॉलीवुड के बड़े कलाकारों को चुना गया है। इससे फिल्म को एक खास पहचान मिलेगी और दर्शकों को यह कहानी और भी प्रभावशाली लगेगी।
फिल्म में एक अहम मुद्दा 'कल्कि धाम' को लेकर हुए विवाद को भी दिखाया जाएगा। यह विवाद आचार्य प्रमोद कृष्णम और वर्क परिवार के बीच हुआ था, जो संभल के सामाजिक जीवन में एक बड़ा मोड़ था। यह कहानी फिल्म में पूरी सच्चाई के साथ पेश की जाएगी।
फिल्म का टाइटल मिलने के बाद अब शूटिंग संभल में शुरू की जाएगी। इससे शहर में उत्साह का माहौल है।
--आईएएनएस
पीके/एबीएम
