मुंबई: बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे होते हैं, जो शुरुआत में बहुत संघर्ष करते हैं और फिर धीरे-धीरे अपनी मेहनत और लगन से अपनी खास पहचान बनाते हैं। ऐसे ही दो मशहूर नाम हैं 'राहुल देव' और 'महेंद्र कपूर'... दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत से सफलता पाई, लेकिन उनकी शुरुआत बिल्कुल अलग रही।
राहुल देव ने अभिनय की दुनिया में नेगेटिव रोल से शुरुआत की और महेंद्र कपूर ने संगीत की दुनिया में एक प्रतियोगिता जीतकर अपनी किस्मत आजमाई।
राहुल देव का जन्म 27 सितंबर 1968 को दिल्ली में हुआ और उन्होंने यहीं से अपनी पढ़ाई पूरी की। उनके पिता असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस थे, जो परिवार में एक अनुशासन और सख्ती का माहौल बनाए रखते थे। राहुल के दिवंगत भाई मुकुल देव भी बॉलीवुड के अभिनेता रहे। इसी माहौल में राहुल का अभिनय की ओर झुकाव बढ़ा। उन्होंने साल 2000 में फिल्म 'चैंपियन' से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया, जो उनके लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई। शुरुआत में ही नेगेटिव रोल निभाकर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। इस किरदार को लोगों ने बहुत पसंद किया और राहुल धीरे-धीरे बॉलीवुड के जाने-माने विलेन कलाकारों में शामिल हो गए।
राहुल देव का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी फिटनेस और एक्टिंग के लिए उन्हें खूब सराहा गया। हालांकि, उनकी निजी जिंदगी में दुखद घटनाएं भी आईं। उनकी पत्नी रीना देव का कैंसर के कारण 2009 में निधन हो गया, जिससे वह काफी टूट गए। इस मुश्किल दौर में उन्होंने अपने बेटे की परवरिश अकेले ही की। इसके बाद उनकी मुलाकात मॉडल और अभिनेत्री मुग्धा गोडसे से हुई, जो उनसे 18 साल छोटी हैं। दोनों ने शादी नहीं की, लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हुए एक मजबूत रिश्ता बनाया।
वहीं दूसरी ओर, महेंद्र कपूर का जन्म 9 जनवरी 1934 को पंजाब के अमृतसर में हुआ। कम उम्र में ही वह मुंबई आ गए, जहां उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की। उनके गुरु पंडित हुस्नलाल, पंडित जगन्नाथ, उस्ताद नियाज अहमद खान जैसे नामी संगीतकार थे। महेंद्र कपूर ने अपनी कड़ी मेहनत से संगीत की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन 1950 के दशक में एक संगीत प्रतियोगिता जीतने के बाद उनकी किस्मत चमकी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने शुरू किए। उनकी आवाज में मोहम्मद रफी की छवि झलकती थी, जिन्हें वह अपना गुरु मानते थे।
महेंद्र कपूर ने खासतौर पर देशभक्ति और रोमांटिक गीतों के लिए अपनी अलग पहचान बनाई। वे सुपरस्टार मनोज कुमार की आवाज के रूप में प्रसिद्ध हुए। फिल्मों जैसे 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम', 'धूल का फूल', और 'गुमराह' में उनके गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। 'मेरे देश की धरती सोना उगले' जैसे गीतों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया। उन्होंने करीब 100 से ज्यादा गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते। उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। महेंद्र कपूर का करियर लगभग चार दशक तक चला और उन्होंने विभिन्न भाषाओं में भी गाने गाए।
दोनों कलाकारों की जिंदगी में संघर्ष और मेहनत की एक जैसी कहानी है। जहां राहुल देव ने अभिनय के क्षेत्र में विलेन किरदारों से शुरुआत की, वहीं महेंद्र कपूर ने एक संगीत प्रतियोगिता जीतकर प्लेबैक सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाई। दोनों ने कभी हार नहीं मानी और लगातार अपने काम में सुधार करते रहे। महेंद्र कपूर का निधन 27 सितंबर 2008 को मुंबई में हुआ, लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसती है।