पैपराजी विवाद पर अभिनेता शशि रंजन बोले, जया बच्चन का सम्मान करता हूं पर उनसे सहमत नहीं

मुंबई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। मनोरंजन जगत में इन दिनों पैपराजी कल्चर को लेकर एक नई बहस छिड़ चुकी है। बॉलीवुड सितारों और मीडिया के बीच रिश्ता हमेशा से दिलचस्प रहा है, कभी दोस्ताना, तो कभी टकराव वाला। सोशल मीडिया के दौर में पैपराजी का रोल और भी बड़ा हो गया है, क्योंकि आज हर छोटी घटना तुरंत कैमरे में कैद होकर वायरल हो जाती है।

इसी बदलते माहौल में अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन के एक बयान ने माहौल गर्म कर दिया। उनके पैपराजी पर दिए गए तीखे कमेंट्स ने सभी को हैरान कर दिया। इसके बाद कई कलाकारों ने खुले तौर पर अपनी राय रखी। इसी कड़ी में आईटीए के संस्थापक शशि रंजन और अभिनेत्री अमीषा पटेल भी सामने आए, जिन्होंने इस मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण पेश किया।

आईटीए (इंडियन टेलिविजन एकेडमी) के फाउंडर और अभिनेता शशि रंजन ने जया बच्चन के बयान पर साफ शब्दों में असहमति जताई।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ''मैं जया बच्चन की राय का सम्मान करता हूं, लेकिन उनसे सहमत नहीं हूं। हर व्यक्ति अपनी सोच रख सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि पैपराजी इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें इस तरह से निशाना बनाना उचित नहीं है। मैं मानता हूं कि पैपराज़ी सुर्खियों का पीछा जरूर करते हैं, लेकिन वे भी अपना काम ही कर रहे होते हैं और उनकी मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।''

वहीं अभिनेत्री अमीषा पटेल ने पैपराजी की तारीफ की और कहा, ''मुझे पैपराजी और मीडिया से बहुत प्यार है, क्योंकि वे बेहद मेहनती और समर्पित होते हैं। चाहे कड़ी धूप हो, भारी बारिश हो या फिर कड़ाके की ठंड, पैपराजी हमेशा अपने काम पर डटे रहते हैं। मैं मीडिया की इस कर्मठता की कद्र करती हूं। इस पेशे में काम करने वाले लोग दर्शकों तक सही और रोचक खबरें पहुंचाने का प्रयास करते हैं।''

जब आईएएनएस ने उनसे जया बच्चन के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी, तो अमीषा ने कहा कि हर किसी को अपनी राय रखने का हक है, लेकिन उनकी निजी भावना हमेशा पैपराजी के साथ है।

दरअसल, जया बच्चन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि उनका पैपराजी से कोई रिश्ता नहीं है और वे उनके काम करने के तरीके को पसंद नहीं करतीं। कई लोग बिना किसी समझ के सिर्फ मोबाइल फोन लेकर तस्वीरें खींचने लगते हैं और मनचाहा कमेंट करने लगते हैं।

उन्होंने कुछ पैपराजी के पहनावे और व्यवहार को भी लेकर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें लगता है कि ऐसे लोगों की पृष्ठभूमि और शिक्षा को समझना जरूरी है।

--आईएएनएस

पीके/वीसी

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