Saba Azad Monkey in a Cage : 'मंकी इन ए केज' फिल्म को नजरअंदाज करना मुश्किल : सबा आजाद

सबा आजाद ने कहा– अभिनय का मतलब सहानुभूति है, न कि किरदार के अनुभवों से गुजरना।
'मंकी इन ए केज' फिल्म को नजरअंदाज करना मुश्किल : सबा आजाद

नई दिल्ली: टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) के स्पेशल प्रेजेंटेशंस सेक्शन में फिल्म 'मंकी इन ए केज' को प्रदर्शित किया गया। अनुराग कश्यप की निर्देशित फिल्म में सबा आजाद ने मुख्य भूमिका निभाई। अपने किरदार को लेकर एक्ट्रेस ने आईएएनएस से खुलकर बात की।

सबा आजाद ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि उनके किरदार खुशी को निभाने के लिए उन्हें एक जटिल और नैतिक रूप से पेचीदा दुनिया में कदम रखना पड़ा।

उन्होंने कहा, ''अभिनय का मतलब यह नहीं है कि हमें उन सभी अनुभवों से गुजरना पड़े जो हमारे किरदारों ने किए हैं, बल्कि यह है कि हम उन पात्रों के साथ सहानुभूति कर सकें, चाहे वे कितने भी नैतिक रूप से उलझे हुए हों। मैंने खुशी के किरदार के साथ-साथ सहानुभूति रखने की पूरी कोशिश की।''

सबा ने आगे कहा कि अनुराग कश्यप की फिल्में दर्शकों के मन में लंबे समय तक रहती हैं।

उन्होंने कहा, ''अनुराग कश्यप की फिल्में दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ती हैं। दर्शक जब थिएटर से बाहर निकलते हैं तो उनके दिमाग में फिल्म की कहानी का असर होता है। यह भी ऐसी ही फिल्म है, जो जरूर चर्चा पैदा करेगी और अलग-अलग लोगों में विरोधाभासी भावनाएं जगाएगी। लोग इसे पसंद करेंगे, हो सकता है कुछ लोग इसे नापसंद भी करें, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे।''

फिल्म में बॉबी देओल, सान्या मल्होत्रा और सपना पब्बी जैसे कलाकार भी हैं।

'मंकी इन ए केज' एक संवेदनशील विषय पर बनी फिल्म है, जो एक सुपरस्टार पर लगे रेप के आरोप और इसके आसपास के सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को दिखाती है।

बॉबी देओल के साथ अपनी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के बारे में सबा ने बताया कि उनकी शुरुआत में सामान्य बातचीत हुई, लेकिन जैसे-जैसे काम करना जारी रखा, उनकी बॉन्डिंग और भी मजबूत हो गई। उन्होंने बॉबी की तारीफ करते हुए कहा, ''बॉबी एक बड़े दिल वाले कलाकार हैं, वह फिल्म में पूरी ईमानदारी के साथ अपना किरदार निभाते हैं। उनके साथ काम करना एक शानदार अनुभव था।''

 

 

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