नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। अभिनेता विष्णु मांचू की फिल्म ‘कन्नप्पा’ सिनेमाघरों में शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है। अभिनेता ने बताया कि उन्हें ऐसी कहानियां पसंद हैं, जो व्यावसायिक और अर्थपूर्ण दोनों हों। वह हमेशा ऐसी फिल्में बनाना चाहते हैं जो भारतीय संस्कृति से जुड़ी हों, लेकिन दुनिया भर के दर्शकों के लिए मनोरंजक हो। मांचू ने यह भी बताया कि वह अपने सबसे बड़े आलोचक हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में विष्णु मांचू ने बताया कि वह भारतीय संस्कृति से जुड़ी ऐसी फिल्में बनाना चाहते हैं जो दर्शकों को लंबे समय तक याद रहें।
विष्णु ने बताया कि वह ऐसी कहानियां पसंद करते हैं जो व्यावसायिक और अर्थपूर्ण दोनों हों। उन्होंने बताया, "मैं ऐसी कहानियां चुनता हूं जो हमारी संस्कृति से जुड़ी हों, लेकिन वैश्विक दर्शकों के लिए बनाई जाएं। ये कहानियां पहले मनोरंजन करती हैं और फिर दर्शकों के मन में लंबे समय तक रहती हैं। 'कन्नप्पा' इसका उदाहरण है।"
अपने अभिनय को लेकर पूछे गए सवाल पर विष्णु ने बताया, “मैं अपनी फिल्मों को दो नजरियों से देखता हूं। पहले दर्शकों की तरह, ताकि कहानी का प्रभाव समझ सकूं, और फिर एक आलोचक की तरह, जहां हर सीन को बारीकी से जांचता हूं। मेरा मानना है कि अगर सीखने के दौर में हम सहज हो गए, तो रचनात्मकता प्रभावित होगी। इसलिए, मैं खुद अपना सबसे बड़ा आलोचक हूं।”
जब जीवन में तनाव बढ़ता है, तो विष्णु आस्था, फिटनेस और परिवार पर भरोसा करते हैं। उन्होंने बताया, "मैं दिन की शुरुआत प्रार्थना से करता हूं, वेटलिफ्टिंग से मन को शांत करता हूं, और अपने बच्चों, परिवार के साथ समय बिताकर खुशी पाता हूं। ये तीनों चीजें मेरी जिंदगी में मायने रखती हैं।"
विष्णु की लेटेस्ट फिल्म 'कन्नप्पा' एक पौराणिक एक्शन ड्रामा है, जिसका निर्देशन मुकेश कुमार सिंह ने किया है और इसका निर्माण उनके पिता मोहन बाबू ने किया है। यह फिल्म हिंदू धर्म में भगवान शिव के भक्त 'कन्नप्पा' की कथा पर आधारित है, जिनका संबंध आंध्र प्रदेश के श्रीकालहस्तीश्वर मंदिर से है।
फिल्म में मोहन बाबू, ब्रह्मानंदम, प्रीति मुखुंदन, मधु, और काजल अग्रवाल जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं। वहीं, अक्षय कुमार कन्नप्पा में कैमियो रोल में हैं।
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