Kerala Film Awards 2025 : रैपर वेदान को पुरस्कार मिलने से लेखक दीदी दामोदरन नाराज, कहा- 'यह न्याय सिद्धांत के खिलाफ है'

रैपर वेदान को बेस्ट लिरिसिस्ट अवॉर्ड, केरल फिल्म अवॉर्ड्स पर विवाद बढ़ा
रैपर वेदान को पुरस्कार मिलने से लेखक दीदी दामोदरन नाराज, कहा- 'यह न्याय सिद्धांत के खिलाफ है'

तिरुवनंतपुरम: केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स हर साल फिल्म इंडस्ट्री के शानदार काम को सम्मान देने के लिए आयोजित किए जाते हैं। इस पर दर्शकों और फिल्म प्रेमियों की खास नजरें रहती हैं।

इस बार के अवॉर्ड्स ने कुछ कलाकारों और फिल्मों को सम्मानित किया, लेकिन इसके साथ ही कई विवादों और आलोचनाओं को भी शुरू किया है। खासकर रैपर वेदान को बेस्ट लिरिसिस्ट का पुरस्कार दिए जाने के फैसले ने सोशल मीडिया और फिल्म जगत में तीखी बहस छेड़ दी।

लेखक और स्क्रीनराइटर दीदी दामोदरन ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ''यह पुरस्कार महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में आरोपी व्यक्ति को सम्मानित करना न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। यह अन्याय है; यह सरकार की महिलाओं के प्रति हिंसा न सहन करने की प्रतिज्ञा के साथ धोखा है। कला की प्रशंसा करते समय नैतिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।''

बता दें कि वेदान, जिनका असली नाम हिरण दास मुरली है, फिलहाल महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में जमानत पर बाहर है। इस मामले को लेकर दीदी दामोदरन का कहना है कि किसी ऐसे व्यक्ति को सम्मानित करना, जिसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, न केवल पीड़ितों के लिए अपमानजनक है बल्कि समाज के लिए भी एक गलत संदेश देता है। जूरी का वेदान को पुरस्कार देना 'भरोसे का उल्लंघन' है और उन्हें केरल की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।

इस बार अवॉर्ड्स में बच्चों की फिल्मों की श्रेणी में कोई पुरस्कार नहीं दिया गया। आयोजकों ने बताया कि इस वर्ष बच्चों की फिल्मों की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं थी कि उन्हें पुरस्कार देने लायक माना जा सके। इस निर्णय ने बच्चों की फिल्मों से जुड़े कलाकारों और दर्शकों को निराश किया।

रैपर वेदान को यह पुरस्कार उनकी फिल्म 'मंजुम्मेल बॉयज' के गीत 'कुथंत्रम' के लिए दिया गया।

महिला संगठन भी इस निर्णय पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने सरकार की उन प्रतिज्ञाओं का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को संरक्षण नहीं मिलेगा।

इस विवाद के चलते लोग फिल्म अवॉर्ड्स के आयोजन और निर्णय प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

--आईएएनएस

 

 

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