नई दिल्ली: तेलुगु अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी के पर्सनालिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए डाली गई याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय गुरुवार को फैसला सुनाएगा। इस केस की सुनवाई जस्टिस तेजस करिया की सिंगल बेंच कर रही है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस तेजस करिया ने मौखिक रूप से कहा, "जब आप यूआरएल की पहचान कर सकते हैं तो सबसे अच्छा यही होगा कि उन्हें हटाने का निर्देश दिया जाए। हम आदेश पारित करेंगे।"
अभिनेता की ओर से वकील प्रवीण आनंद हाईकोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने कहा कि वह तीन उल्लंघनों से परेशान हैं—अश्लील वेबसाइटें, अभिनेता के व्यक्तित्व का अनधिकृत रूप से उपयोग करके सामान की बिक्री और विभिन्न यूट्यूब वीडियो।
वकील प्रवीण ने बताया कि अश्लील कंटेंट वाली वेबसाइट पर प्रतिवादी 5-6 के प्रॉक्सी रजिस्ट्रार हैं, दूसरी में टी-शर्ट और अन्य सामान पर उनकी तस्वीर लगी है और तीसरी एआई जनरेटेड सामग्री है। यह सभी पेड प्रमोशन हैं और इनमें नागार्जुन हैशटैग भी है।
नागार्जुन के वकील ने हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा पर्सनालिटी राइट्स पर ऐश्वर्या राय बच्चन सहित दूसरे एक्टर्स पर दिए गए फैसलों का भी हवाला दिया। नागार्जुन के वकील ने कोर्ट को बताया कि नागार्जुन तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है। उन्होंने 95 फिल्मों में अभिनय किया है। उन्हें दो नेशनल अवार्ड और 3 फिल्मफेयर अवार्ड मिले हैं। नागार्जुन के वकील ने कोर्ट को बताया कि तमाम वेबसाइट उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर रही हैं।
बता दें, इससे पहले ऐश्वर्या राय बच्चन, करण जौहर और अभिषेक बच्चन भी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए कोर्ट जा चुके हैं। अलग-अलग अदालतों ने तीनों को राहत देते हुए उनकी तस्वीरों और आवाज को बिना अनुमति के इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी।
साथ ही यह भी कहा था कि इन अभिनेताओं को भ्रामक या अपमानजनक तरीके से चित्रित करने के लिए एआई सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग करना गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन है।
इन्हें देखते हुए लगता है कि नागार्जुन के केस में भी फैसला उनके हक में आ सकता है।