भारत की 'धुरंधर' का पाकिस्तान में खौफ, 'मेरा ल्यारी' से डर छुपाने की कोशिश

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म 'धुरंधर' ने धमाल मचा रखा है। फिल्म के रिलीज होते के साथ सोशल मीडिया पर इसके चर्चे शुरू हो गए और दर्शक इसे काफी पसंद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, पाकिस्तान में इस फिल्म को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। खासकर फिल्म में ल्यारी इलाके और पुलिस ऑफिसर चौधरी असलम की छवि को जिस तरह से दिखाया गया है, उससे पाकिस्तान को मिर्ची लगी है।

एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भद्द पिटने के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस पर आलोचना जताई है और अपनी फिल्म 'मेरा ल्यारी' अगले महीने रिलीज करने का ऐलान किया है। इस फिल्म के जरिए पाक सरकार यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि ल्यारी सिर्फ हिंसा का गढ़ नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, साहस, और सामर्थ्य का प्रतीक है।

सिंध के मंत्री शरजील इनाम मेमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी किया और कहा कि ल्यारी का असली चेहरा बिल्कुल अलग है और 'धुरंधर' में दिखाए गए नकारात्मक पहलू झूठे हैं।

मंत्री मेमन ने कहा कि ल्यारी में केवल अपराध और हिंसा नहीं है, बल्कि यह जगह शांति, प्रतिभा और गर्व की मिसाल है। 'मेरा ल्यारी' फिल्म उसी असली ल्यारी की कहानी बताएगी, जिसे भारतीय फिल्म ने गलत तरीके से पेश किया है।

पाक मंत्री का यह बयान दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर कितनी चिंता में है। 'धुरंधर' में ल्यारी इलाके में दिखाई गई गैंगवार, पुलिस ऑपरेशन और अपराध की गहरी दुनिया से डरा हुआ है।

पाकिस्तान सरकार के इस कदम से साफ है कि 'धुरंधर' फिल्म ने उसे असहज कर दिया है। यही वजह है कि 'मेरा ल्यारी' को तैयार किया गया। इसका मकसद 'धुरंधर' में जिस तरह का चित्रण किया गया है, उसे कवर किया जा सके।

'मेरा ल्यारी' पाकिस्तान की तरफ से एक तरह का विरोध और सफाई है, जिससे यह दिखाया जा सके कि उनका देश और उनके लोग केवल हिंसा और अपराध से जुड़े नहीं हैं। अगले महीने 'मेरा ल्यारी' रिलीज होने वाली है।

बता दें कि ल्यारी पाकिस्तान के कराची स्थित एक इलाका है। 'ल्यारी' नाम 'ल्यार' से आया है। 'ल्यार' कब्रिस्तानों में उगने वाले पेड़ को कहते हैं। 2000 के दशक में गैंगवार के दिनों में ल्यारी में कई कब्रें खुदीं। इसी शहर ने रहमान डकैत का जन्म, उदय और अंत भी देखा। रहमान डकैत ने 1990 के दशक में हथियारों, ड्रग तस्करी और उगाही के सहारे अपना साम्राज्य खड़ा किया था। साल 2000 की शुरुआत तक रहमान ने ल्यारी में ड्रग तस्करी, जबरन वसूली और जुआ रैकेट पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

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