‘बाबू मोशाय' जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है’ राजेश खन्ना के डायलॉग्स पर सिनेमाघरों में बजती थी तालियां

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। बॉलीवुड में अपने-अपने दौर में कई महान कलाकार हुए। दिलीप कुमार से लेकर अमिताभ बच्चन तक। लेकिन, राजेश खन्ना को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार कहा गया। राजेश खन्ना और बाकी महान कलाकारों में अंतर सिर्फ इतना था कि वह जब स्क्रीन पर आते थे तो दर्शक सिनेमा हॉल में अपनी सीटों से हिलने से भी गुरेज करते थे। आंखें सिर्फ राजेश खन्ना पर टिकी रहती थीं। उनकी डायलॉग डिलिवरी दर्शकों को अपनी दीवाना बनाने के लिए काफी होती थी।

‘बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है’ फिल्म आनंद का यह डायलॉग आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है। राजेश खन्ना के डायलॉग्स की लोकप्रियता ऐसी थी कि लोग सिनेमाघरों में तालियां बजाते थे और बार-बार इसे सुनने के लिए टिकट खरीदते थे। उनकी डायलॉग डिलीवरी में एक खास लय और भाव था, जो उन्हें बाकी अभिनेताओं से अलग करता था। खासकर आनंद के डायलॉग्स को लोग आज भी दोहराते हैं। फैंस उन्हें प्यार से काका बुलाते थे।

राजेश खन्ना ने अपने करियर में यूं तो कई उतार-चढ़ाव देखे, स्टारडम देखा तो डूबता हुआ करियर भी उनके नसीब में आया। हालांकि, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 17 हिट फिल्म देने वाले इस सुपरस्टार ने जो रिकॉर्ड बॉलीवुड में कायम किया वह आज भी जिंदा है। आज भी इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना संभव नहीं लगता है।

29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे इस सुपरस्टार ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी। 18 जुलाई 2012 को लंबी बीमारी के बाद सुपरस्टार ने दुनिया को अलविदा कह दिया। चलिए उनकी पुण्यतिथि पर ‘काका’ से जुड़े कुछ रोचक बातों को विस्तार से समझते हैं।

राजेश खन्ना बॉलीवुड के सफल कलाकारों में से एक थे। उनकी रोमांटिक छवि और अनोखा अंदाज, जैसे सिर झटकने की स्टाइल और मुस्कान, ने उन्हें लाखों प्रशंसकों, खासकर महिला दर्शकों का चहेता बनाया।

साल 1971 में आनंद फिल्म में उनका किरदार लोगों के दिलों को छू लिया। इस फिल्म में उन्होंने एक गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की भूमिका निभाई, जो मरने से पहले जिंदगी को पूरी तरह जीता है। इस किरदार ने उन्हें अमर बना दिया।

राजेश खन्ना से जुड़ी एक रोचक बात यह भी है कि उनकी ज्यादातर फिल्मों में किशोर कुमार की आवाज थी, जो उनकी छवि के साथ पूरी तरह मेल खाती थी। अमर प्रेम, कटी पतंग, और मेरे जीवन साथी जैसी फिल्मों के गाने आज भी लोकप्रिय हैं।

राजेश खन्ना जितना अपनी प्रोफेशनल लाइफ के लिए चर्चा में रहे उतना ही वह अपनी निजी लाइफ के लिए भी रहे। उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी की, जो उस समय 16 साल की थीं और उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। हालांकि, बाद में उनके रिश्ते में उतार-चढ़ाव आए। अभिनय के अलावा, उन्होंने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया और आरके फिल्म्स के तहत कई फिल्में बनाईं। बाद में वे राजनीति में उतरे और कांग्रेस पार्टी से सांसद भी रहे। उनके राजनीति के दिनों में जानने वाले दोस्तों के अनुसार, राजेश खन्ना यारों के यार थे। मदद करने से कभी भी पीछे नहीं हटते थे।

राजेश खन्ना भले ही आज हमारे साथ नहीं हैं। लेकिन, उनकी फिल्में आज भी प्रेरणा देने का काम करती हैं। आज भी जब पुरानी फिल्मों का जिक्र होता है तो राजेश खन्ना का नाम जरूर आता है।

--आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

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