नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा को उनकी एक्टिंग के साथ-साथ हिंदी पर पकड़ और लेखन शैली के लिए भी जाना जाता है।
एक्टर को सोशल मीडिया पर उनकी कविताओं के लिए भी पसंद किया जाता है। अब एक्टर को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इम्फाल) के एक कार्यक्रम में देखा गया, जिसका आयोजन दिल्ली में हुआ।
इस मौके पर उन्होंने सिंगर जुबीन गर्ग और नॉर्थ ईस्ट के राज्य, समाज कल्याण और आधुनिकीकरण पर खुलकर बात की।
आशुतोष राणा को कला और संस्कृति से बहुत प्यार है और देश में सामाजिक कल्याण को वो अपना परम धर्म मानते हैं। एक्टर ने समाज के कल्याण के लिए सभी राजनेताओं और स्टार्स से अपील की है कि वो अपना दायित्व निभाएं।
उन्होंने कहा, "हर नेता और राजनेता समाज की निर्मिती ही होते हैं और निर्मिती पर समाज का पूरा अधिकार है। ऐसे में अपने-अपने दायित्व को समझें और समाज कल्याण के लिए कुछ न कुछ योगदान करें।"
सिंगर जुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देते हुए एक्टर ने कहा कि कलाकार कहीं नहीं जाते, वे हमेशा अपनी कला की वजह से जिंदा रहते हैं, और उनका आना और जाना दोनों सार्थक होते हैं, क्योंकि होना ही सार्थक है।
उन्होंने जल्द नॉर्थ-ईस्ट आने की बात की और कहा कि हाल में वो मां कामाख्या के दर्शन करने के लिए गए थे। लेकिन, ज्यादा समय रुक नहीं पाए, लेकिन जब भी आगे मौका मिलेगा तो वो नॉर्थ-ईस्ट में जरूर आएंगे। उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट राज्यों को देव स्थान भी बताया।
आशुतोष राणा ने मशीनीकरण की रेस में हस्तकला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की बात का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मशीनीकरण की वजह से मनुष्य का महत्व खत्म हो गया है। भले ही हमने बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन हमने ऐसी मशीन नहीं बनाई है, जो मनुष्य का निर्माण कर रही है। अगर ऐसा हो भी गया तो वह मनुष्य के अंदर मनुष्यत्व नहीं डाल पाएगी।