Anubhav Sinha Journey : देहरादून में अनुभव सिन्हा को मिला 'जाना-पहचाना', बोले- 'यह यात्रा इतनी मजेदार होगी, अंदाजा नहीं था।'

अनुभव सिन्हा की ‘चल पिक्चर चलें’ यात्रा: सिनेमा और जनता के बीच संवाद का पुल
देहरादून में अनुभव सिन्हा को मिला 'जाना-पहचाना', बोले- 'यह यात्रा इतनी मजेदार होगी, अंदाजा नहीं था।'

मुंबई: निर्देशक अनुभव सिन्हा ने 'चल पिक्चर चलें' नाम की एक यात्रा शुरू की है। शुक्रवार को उन्होंने देहरादून की यात्रा के दौरान हुए कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए।

निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इंस्टाग्राम पर अपनी देहरादून की यात्रा की कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "देहरादून पहुंचते ही मेरे लिए यादों के कुछ नए द्वार खुल गए। मैं एक अखबार के दफ्तर में बैठा था, तो उत्तराखंड के नक्शे पर कालागढ़ लिखा था और आपको पता है, मेरे जीवन के पहले नौ साल वहां पर गुजरे थे और फिर मुझे याद आई देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश की पुरानी बातें। आपको बता दूं कि मेरी सबसे पुरानी तस्वीर लक्ष्मण झूले की है।"

उन्होंने कहा, "देहरादून में पहाड़ी में छुपे एक रेस्टोरेंट में खाना जब परोसा गया तो काफी कुछ जाना-पहचाना दिखा। वेशभूषा और खान-पान। मुझे अंदाजा ही नहीं था कि यह यात्रा इतनी मजेदार साबित होगी।"

दरअसल, निर्देशक ने हाल ही में 'चल पिक्चर चलें' नाम की यात्रा शुरू की है और देहरादून का पड़ाव इस यात्रा का ही हिस्सा है।

कुछ समय पहले निर्देशक ने एक वीडियो के जरिए प्रशंसकों से फिल्में न चलने के पीछे का कारण पूछते हुए घोषणा की थी कि वे अब लोगों से जानने के लिए 'चल पिक्चर चलें' नाम की यात्रा शुरू करने जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि यह टूर आम जनता को करीब से जानने और उनको समझने के लिए है कि वे सिनेमा से क्या चाहते हैं और किस तरह की कहानियां देखना चाहते हैं।

इस यात्रा की शुरुआत निर्देशक ने लखनऊ से की थी। इसके बाद वे कई शहरों में जा चुके हैं।

निर्देशक का कहना है कि यह यात्रा महज एक प्रमोशनल टूर नहीं, बल्कि एक सिनेमाई संवाद का पुल है, जो मुंबई की चमक-दमक से दूर, ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत की आवाज को सुनने का प्रयास है।

अनुभव करियर में कई शानदार फिल्में बना चुके हैं, जिनमें 'आर्टिकल 15,' 'मुल्क,' 'थप्पड़,' 'भीड़,' 'अनेक,' और 'गुलाब गैंग' शामिल हैं।

--आईएएनएस

 

 

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