Indian Actress Mother Journey: अनीता हसनंदानी 'छोरियां चली गांव' के लिए बेटे आरव को दे रही हैं 'ट्रेनिंग'

अनीता ने बेटे को छोड़ शुरू की नई शूटिंग, बोलीं- मां बनना भी है एक बड़ा रियल रोल।
अनीता हसनंदानी 'छोरियां चली गांव' के लिए बेटे आरव को दे रही हैं 'ट्रेनिंग'

मुंबई: अभिनेत्री अनीता हसनंदानी अपकमिंग शो 'छोरियां चली गांव' में नजर आएंगी। उन्होंने बताया कि शूटिंग के लिए बेटे आरव को छोड़ना उनके लिए भावनात्मक रूप से कितना मुश्किल था।

अभिनेत्री अनीता हसनंदानी ने बताया कि वह अपने बेटे आरव को अपने बिना रहने के लिए धीरे-धीरे तैयार कर रही हैं।

उन्होंने कहा, "जब मैं सोकर उठती हूं, तब आरव हमेशा मेरे साथ होता है। वह चाहता है कि मैं ही उसका हर काम करूं, लेकिन मुझे तो शूटिंग के लिए दूर जाना पड़ता है, तो अब मैं पिछले दो हफ्तों से उसे अपनी मां (उसकी नानी) के साथ सोने की ट्रेनिंग दे रही हूं। मैं धीरे-धीरे उसे मेरे बिना काम चलाने के लिए भी तैयार कर रही हूं, कि वह मेरे बिना खुद से उठे, स्कूल के लिए तैयार हो, खुद खाना खाए और अपना होमवर्क भी समय पर पूरा करे।"

अभिनेत्री ने आगे कहा, "मैंने अपने बेटे आरव के लिए दो महीने का पूरा शेड्यूल तैयार किया है। जिसमें लिखा है कि किस दिन वह कौन-सी क्लास या एक्टिविटी करेगा। इसी के साथ मैंने पति रोहित को भी हर ग्रुप में एड कर दिया है ताकि जब वह शूटिंग पर रहें, तो रोहित बिना परेशानी के सब संभाल सके। जितना मैं इस शो से सीखने वाली हूं, उतना ही रोहित को भी समझ में आएगा कि मां बनना कितना खूबसूरत लेकिन चुनौती भरा अनुभव है।"

ग्रामीण परिवेश पर तैयार होने वाले इस रियलिटी शो 'छोरियां चली गांव' को रणविजय होस्ट कर रहे हैं। इसमें कृष्णा श्रॉफ, ऐश्वर्या खरे, रमीत संधू, अंजुम फाकीह, रेहा सुखेजा, डॉली जावेद, सुमुखी सुरेश, सुरभि-समृद्धि मेहरा और एरिका पैकर्ड जैसे कई सितारे शामिल हैं। ये सभी सेलिब्रिटीज अपनी शानदार और आलीशान जिंदगी को छोड़कर दो महीने तक गांव में सादा जीवन बिताएंगे। यह अनुभव चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ सीख देने वाला और जीवन बदलने वाला भी होगा।

'छोरियां चली गांव' जल्द ही 3 अगस्त को जीटीवी पर प्रसारित होगा।

आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में अभिनेत्री ने शो को लेकर कहा, "जैसा मैंने पहले भी कहा, इस शो का अनुभव बहुत गहरा और महत्वपूर्ण है। मैं मानती हूं कि यह शो मुझे ऐसी चीजें सिखाएगा जो गूगल या विकिपीडिया या कोई भी ऐप नहीं सिखा सकता है।गांव के लोगों से जुड़ना और उनके रोजमर्रा के जीवन को समझना। यह सब एक अनमोल अनुभव होगा।"

 

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