अलगाव के बाद भी एक-दूसरे को कॉल करते थे गुरु दत्त और गीता दत्त

अलगाव के बाद भी एक-दूसरे को कॉल करते थे गुरु दत्त और गीता दत्त

मुंबई, 12 अगस्त (आईएएनएस)। 'प्यासा', 'कागज के फूल', और 'चौदहवीं का चांद' जैसी फिल्मों से अपना लोहा मनवाने वाले दिग्गज फिल्मकार और अभिनेता गुरु दत्त को आज भी लोग उनकी बेहतरीन फिल्मों के लिए याद करते हैं। उनकी 100वीं जयंती के मौके पर पोतियों, गौरी और करुणा दत्त ने उनके अनसुने किस्से साझा किए। वो राज पर से भी पर्दा हटाया जो गुरु दत्त और उनकी पत्नी गीता दत्त के संबंधों को लेकर है।

गुरु दत्त की जयंती पर आईएएनएस को दिए एक खास इंटरव्यू में करुणा दत्त ने कहा- दादी मुंबई में ही रहती थीं, लेकिन दोनों अलग-अलग घरों में रहते थे।

फिर जब उनसे पूछा गया कि क्या अलग होने के बाद उन्होंने एक-दूसरे को खत लिखे थे? तो करुणा ने बताया, "गुरु दत्त अपने करियर की शुरुआत में जब भी मुंबई से बाहर किसी स्क्रिप्ट पर काम करने या लोकेशन देखने जाते थे, तो गीता दत्त को खत लिखा करते थे। उन खतों में वह हमारी दादीजी (गीता दत्त) से कहते थे कि वह जल्दी वापस आएंगे और साथ में छुट्टियां भी मनाएंगे। जब दोनों अलग हो गए तो दोनों फोन पर बात करते थे।"

हिंदी सिने के मेथड एक्टर और शानदार फिल्मकार के तौर पर गुरु दत्त को जाना जाता है। 1940 और 1950 के दशक में सक्रिय रहे। वह अपनी कई मशहूर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, जैसे ‘प्यासा’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’, और भी कई। गुरु दत्त की मौत 39 साल की उम्र में हो गई थी।

उन्होंने गीता दत्त से 'बाजी' फिल्म के सेट पर मुलाकात की थी और बाद में उनसे शादी की।

हाल ही में, गुरु दत्त के 100वें जन्मदिन के अवसर पर उनकी छह फिल्मों—जिनमें 'प्यासा', 'बाजी', 'चौदहवीं का चांद', और 'मिस्टर एंड मिसेज 55' शामिल हैं—को रीस्टोर कर देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया है।

--आईएएनएस

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