नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। हॉलीवुड अपनी चमक और जादू के लिए जाना जाता है, लेकिन इस दुनिया की सबसे चमकीली रोशनी भी सबसे गहरे अंधेरे छुपाए रहती है। 'टायरोन पावर' 1940 और 50 के दशक का वह दिलकश सितारा था जिसे लाखों लोग रोमांस और एडवेंचर फिल्मों में देख दीवाने हो जाते थे। लेकिन उसकी जिंदगी पर्दे के रूमानी जीवन से कुछ अलग ही थी। वो अस्थिर और तनावभरी थी। यही तनाव उसका सबसे बड़ा दुश्मन बना। 15 नवंबर को घटी एक घटना ने न सिर्फ एक सुपरस्टार की जिंदगी खत्म कर दी, बल्कि हॉलीवुड को भी झकझोर दिया। यह वह दिन था जब एक अभिनेता अपनी ही फिल्म के सेट पर, कैमरों के सामने, दम तोड़ गया।
टायरोन पावर फिल्म 'सोलोमन एंड शीबा' की शूटिंग कर रहे थे। एक भव्य युद्ध दृश्य की रिहर्सल चल रही थी। हाथ में तलवार, सामने कलाकार, आसपास कैमरे और दर्जनों क्रू मेंबर थे। दृश्य में जान डालने के लिए वे पूरे जोश से तलवारबाजी कर रहे थे। अचानक उनकी चाल लड़खड़ाई। पहले किसी को लगा कि यह सीन का हिस्सा है। लेकिन कुछ ही पलों में पावर जमीन पर गिर पड़े। सेट पर सन्नाटा छा गया। उन्हें तुरंत उठाकर एंबुलेंस में ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी धड़कन थम चुकी थी। डॉक्टरों ने साफ कहा, "वह यहां पहुंचने से पहले ही जा चुके थे।"
पावर सिर्फ 44 साल के थे। वह अपने करियर के एक ऐसे मोड़ पर थे जहां उन्हें अपनी लोकप्रियता के कम होने का डर था। लगातार काम का दबाव, स्टूडियो कॉन्ट्रैक्ट की मांगें, निजी जिंदगी में असफल रिश्तों का बोझ और आर्थिक तनाव था। इन सबने उनके दिल पर पहले ही भारी असर डाल दिया था। कई दिनों तक 18–20 घंटे की शूटिंग, कठिन लोकेशन और शारीरिक थकान उनके शरीर को तोड़ चुकी थी। सेट पर गिरना अचानक था, लेकिन वजहें धीरे-धीरे उनके आसपास जमा हो चुकी थीं।
उनके जाने के बाद भी मानो उनकी आत्मा को सुकून न पहुंचाने का लोगों ने मन बना लिया था। सबसे चुभने वाली बात यह थी कि उनकी मौत के कुछ ही घंटों बाद प्रोडक्शन हाउस ने घोषणा कर दी कि फिल्म किसी और अभिनेता के साथ पूरी होगी। यूल ब्राइनर को तुरंत री-कास्ट कर दिया गया। हॉलीवुड की मशीन चलती रही, जैसे एक चमकीला पुर्जा गिरा हो, और उसकी जगह दूसरे को फिट कर दिया गया हो। टायरोन पावर के जाने का शोक लोगों ने तो मनाया, लेकिन सिस्टम आगे बढ़ गया-बिना रुके, बिना ठहरे।
उनकी कहानी हॉलीवुड इतिहास की सबसे ट्रैजिक कहानियों में गिनी जाती है। उनका अंत उतना ही नाटकीय था, जितना उनकी फिल्मों के दृश्य। रूमानियत और एडवेंचर का ब्लेंड जो पर्दे पर दिखा वही दबे पांव उनके जीवन को भी निगल गया।
--आईएएनएस
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