दिसंबर में कम हो सकती हैं ब्याज दरें! आरबीआई गवर्नर बोले विकास दर को बढ़ाने के लिए रेपो रेट में कटौती संभव

मुंबई, 24 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि अनुकूल व्यापक आर्थिक संकेतकों के कारण दिसंबर में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कटौती संभव है। इससे विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मल्होत्रा ​​ने अक्टूबर में हुई मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के बाद कहा था कि अगली मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है, क्योंकि महंगाई में कमी आ गई है और अब केंद्रीय बैंक विकास को रफ्तार देने पर फोकस करना चाहता है।

जी बिजनेस को दिए एक इंटरव्यू में मल्होत्रा ने कहा, "अक्टूबर में मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) ने कहा था कि ब्याज दरों में एक और अतिरिक्त कटौती की स्थिति बन रही है। उसके बाद जो भी डेटा अब तक आया है उसने इस स्थिति को नहीं बदला है। हालांकि, ब्याज दरों में कटौती पर आखिरी फैसला दिसंबर में होने वाली एमपीसी की बैठक में लिया जाएगा।"

आरबीआई एमपीसी की बैठक 3-5 दिसंबर के बीच होगी। इसके फैसलों का ऐलान आरबीआई गवर्नर द्वारा बैठक के आखिरी दिन किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक के दो दायित्व हैं। पहला मूल्य स्थिरता बनाए रखना और दूसरा विकास की गति को बनाए रखना।

मल्होत्रा ​​ने कहा, "हम विकास के मामले में न तो आक्रामक हैं और न ही रक्षात्मक।"

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए अगस्त और अक्टूबर में हुई पिछली दो एमपीसी बैठकों में रेपो दर को अपरिवर्तित रखा था।

2025 में आरबीआई तीन बार फरवरी (0.25 प्रतिशत), अप्रैल (0.25 प्रतिशत) और जून (0.50 प्रतिशत) में ब्याज दरों में कटौती कर चुका है, जिससे रेपो रेट एक प्रतिशत घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गया है, जो कि इस साल की शुरुआत में 6.5 प्रतिशत पर था।

--आईएएनएस

एबीएस/

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