त्रिपुरा : केंद्र ने 25 नए सड़क प्रोजेक्ट्स के लिए 68.67 करोड़ रुपए की मंजूरी दी

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंगलवार को पीएम-जनमन योजना के रोड कनेक्टिविटी कंपोनेंट के तहत त्रिपुरा में 25 नए सड़क प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी।

ये प्रोजेक्ट कुल 65.38 किलोमीटर लंबे हैं और इन्हें 68.67 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से डेवलप किया जाएगा। उम्मीद है कि इस कदम से राज्य में, खासकर दूरदराज के आदिवासी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा।

मंत्रालय ने कहा, "ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पीएम-जनमन के रोड कनेक्टिविटी कंपोनेंट के तहत त्रिपुरा के लिए 65.38 किमी लंबाई की 25 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें 68.67 करोड़ रुपए का अनुमानित निवेश होगा।"

मंत्रालय के अनुसार, नई सड़कें विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजीएस) से संबंधित 30 बस्तियों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। बेहतर सड़कों से इन समुदायों के रोजमर्रा के जीवन में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे पूरे साल यात्रा आसान और सुरक्षित हो जाएगी।

इसमें आगे कहा गया है, "ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाना, दूरदराज के गांवों और शहरी केंद्रों के बीच की दूरी को कम करना।" इस पहल का मकसद ग्रामीण कनेक्टिविटी को मजबूत करना और दूरदराज के गांवों को पास के कस्बों और शहरी केंद्रों से जोड़ना है।

अधिकारियों का मानना ​​है कि बेहतर ट्रांसपोर्ट लिंक आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगे, स्थानीय व्यापार को बढ़ने में मदद करेंगे और इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।

इस प्रोजेक्ट से जरूरी सेवाओं तक पहुंच भी आसान होने की उम्मीद है। बेहतर सड़कों से आदिवासी इलाकों के निवासियों को अस्पतालों, स्कूलों और स्थानीय बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी और आय वृद्धि में मदद मिल सकती है।

मंत्रालय ने कहा कि ये डेवलपमेंट सरकार के एक मजबूत पूर्वोत्तर के निर्माण और विकसित भारत मिशन के तहत एक विकसित भारत की दिशा में काम करने के व्यापक विजन के अनुरूप हैं।

उम्मीद है कि पीएम-जनमन प्रोजेक्ट इस क्षेत्र में एक बदलाव लाने वाली भूमिका निभाएंगे और पूर्वोत्तर में सभी आदिवासी समुदायों के लिए समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे।

अधिकारियों ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से लंबे समय तक फायदे होंगे, जिससे आदिवासी समूहों को मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों के साथ और करीब से जुड़ने में मदद मिलेगी और पूरे त्रिपुरा में समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

--आईएएनएस

एससीएच

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